संक्रामक बीमारियों को न्योता दे रही है दुर्ग नगर निगम
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि दुर्ग नगर निगम द्वारा संक्रामक बीमारियों को जानबूझकर न्योता दिया जा रहा है।शहर में सफाई के नाम पर नगर निगम द्वारा हर महीने खर्च किये जा रहे जनता की गाढ़ी कमाई नगर निगम में व्याप्त भर्राशाही की भेंट चढ़ रही है।दुर्ग नगर निगम कूड़ा उठाने से लेकर उसे डंप करने तक की प्रक्रिया में मानकों का खुला उल्लंघन कर संक्रामक बीमारियों को न्योता दे रही है।
अंदरूनी मोहल्लों में सफाई व्यवस्था पहले से ही ध्वस्त है,रविशंकर स्टेडियम के सामने कचरे का ढेर लगा हुआ है।आस-पास के इलाके में मॉर्निंग वॉक करना मुश्किल हो गया है।भीड़ वाली इस सड़क से लोगों का गुजरना मुश्किल हो गया है।स्कूली बच्चे तक गंदगी और दुर्गंध से परेशान हो रहे हैं।बारिश की वजह से कचरे के ढेर से संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ गया है।कूड़े के ढेर में आहार ढूंढते आवारा पशुओं के लिए कूड़े का प्लास्टिक उनके पेट में जाकर मौत की वजह बन रहा है।आस पास के क्षेत्रों में मच्छरों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।मक्खियों के जरिए कूड़े से जीवाणुओं का संचार खाद्य सामग्री तक होता है जिससे फ़ूड पाइजनिंग और डायरिया फैलने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
कूड़े के ढेर से विषाक्त गैसों का भी संचार होता है जो सांस की बीमारियों के कारक है। बावजूद दुर्ग नगर निगम को लोगों की जान की परवाह नहीं है।इसको लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है,दुर्ग नगर निगम की तरफ से साफ-सफाई के तमाम दावे किये जाते हैं,मगर यह दावे महज एक झूठ बनकर रह गए है,शहर की सफाई को लेकर नगर निगम के अधिकारी सिर्फ कागजी कोरम पूरा कर रहे।क्योंकि महापौर धीरज बाकलीवाल को जनता ने नहीं चुना है तो उन्हें जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है उन्हें सिर्फ विधायक अरुण वोरा की चिंता है,और विधायक अरुण वोरा को अपने बेटों की,दुर्ग के जनता की चिंता करने वाला कोई नहीं है।