डॉक्टर भी भगवान का रूप होते है ये कर दिखाया जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने

डॉक्टर भी भगवान का रूप होते है ये कर दिखाया जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने

डॉक्टर भी भगवान का रूप होते है ये कर दिखाया जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने

डॉक्टर भी भगवान का रूप होते है ये कर दिखाया जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने


दुर्ग चिकित्सालय में छोटे से बच्चे जिसका नाम तनुज सिंह, उम्र 1 माह, यह बच्चा SNCV में भर्ती कराया गया, बच्चे का पूरे प्रदेश की अलग अलग हॉस्पिटल में जांच करवाया गया, डॉक्टरों द्वारा कही से भी इलाज न मिलने, एवं बहुत अधिक खर्च हो जाने के बाद जब बच्चे के पिता चंदन सिंह एवं माता कविता सिंह बच्चे को लेकर जिला चिकित्सालय लाये तब उनको यकीन नही था कि बड़े से बड़े हॉस्पिटल में जिस बीमारी का इलाज नही हो सका, वह बीमारी का सही इलाज जिला चिकित्सालय में मिलेगा..
      
दुर्ग शहर निवासी चंदन सिंह एवं कविता सिंह अपने बच्चे की बीमारी को लेकर बहुत दिनों से बहुत परेशान थे, बहुत से बड़े बड़े डॉक्टर के पास अपने बच्चे को लेकर गए परन्तु कोई सही इलाज नही मिला, बच्चे के पूरे शरीर मे इंफेक्शन फैल गया था, सांस लेने में भी बहुत दिक्कत थी, दिमाग मे इंफेक्शन हो जाने के कारण बच्चे को झटके भी आ रहे थे, बच्चे की स्तिथि देखकर सभी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था बच्चे का बचना नामुनकिन है, यह सुनकर बच्चे के माँ बाप को बहुत दुख एवं दर्द था, बहुत परेशान थे, सभी डॉक्टरों से सही सलाह न मिलने से जब बच्चे के माँ बाप जिला चिकित्सालय पहुँचे तो उन्हें यकीन नही था कि जो बड़े बड़े हॉस्पिटल के डॉक्टर नही कर पाए वो जिला चिकित्सालय के डॉक्टर कर पाएंगे,
     

किसी ने सही कहा है डॉक्टर भी भगवान का रूप होते है, और यह बात को सत्य कर दिखाया हमारे जिला चिकित्सालय के डॉ. रजनीश मल्होत्रा, डॉ. हेमंत कुमार साहू, डॉ. सीमा जैन, डॉ. वाई. किरण कुमार ने सयुक्त रूप से प्रयास करके बच्चे को जीवन दान दिलाया,
     
डॉक्टरों की टीम ने सबसे पहले बच्चे को जिला चिकित्सालय के SNCV में भर्ती किया और तत्काल सभी जांच करके बच्चे का इलाज चालू किया, बच्चे के शरीर मे अलग अलग स्थानों में चीरा लगाकर पहले पूरे इन्फेक्शन से भरे हुए पस को बाहर निकाला गया, बच्चे के शरीर मे न्युमोथोरेक्स भी हो गया था, जिसे छाती में नीडल डालकर ड्रेन किया गया, 22 दिनों तक बच्चे को डॉक्टरों की पूरी निगरानी में रखा गया, हर 2 दिन में बच्चे के शरीर से पस (मावाद) निकाल कर उसे दवाई एवं इंजेक्शन दिया गया, डॉक्टरों की टीम में पूरे रात दिन मेहनत करके बच्चे के शरीर का पूरा इंफेक्शन निकाला, जिससे बच्चे के स्वास्थ में बहुत सुधार आना चालू हो गया,
     
पूरे 22 दिनों के बाद कल दिनाँक 9 अप्रैल को डॉक्टरों की यह टीम जिसमें जिला चिकित्सालय के डॉ. रजनीश मल्होत्रा, डॉ. हेमंत कुमार साहू, डॉ. सीमा जैन, डॉ. वाई. किरण कुमार के द्वारा बच्चे को पूरा स्वास्थ करके डिस्टार्च किया गया..
      

अपने बच्चे को स्वस्थ देख माता पिता बहुत खुश हुए और सभी डॉक्टरों को मिठाई खिलाकर पाव छूकर सभी का धन्यवाद दिए, खुशी के कारण माता के आँख से आशु निकल रहा था, जिसे देख हॉस्पिटल में उपस्थित सभी लोगों ने डॉक्टरों के लिए ताली बजाकर सम्मान किया..
     
बच्चे के इलाज में कार्य करने वाली डॉक्टरों की टीम को विगत 6 वर्षों से मानव सेवा का कार्य कर रही जन समर्पण सेवा सँस्था के सदस्यों ने धन्यवाद देकर सभी डॉक्टरों से मिलकर उन्हें हाथ जोड़कर धन्यवाद दिया, और सदैव इसी तरह मानव सेवा का कार्य करने की बात कही, साथ ही साथ सँस्था के सदस्यों ने बच्चे के माता पिता को भी बधाई दी और बच्चे के स्वस्थ एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी..

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