आवश्यकता से अधिक खनन करने पर कार्यवाही करने जोगी कांग्रेस जिलाध्यक्ष शमसुल आलम ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
नेता और अधिकारी के कमीशनखोरी के चलते हो रहा खनिज का दोहन,कार्यवाही नही होने पर होगा उग्र आंदोलन - शमशुल आलम (जिलाध्यक्ष जोगी कांग्रेस)
राजनांदगांव - आज जोगी कांग्रेस जिला अध्यक्ष शमसुल आलम ने कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। शमसुल आलम ने कहा ग्राम शेरपार के विकासखंड मोहला में पिछले डेढ़ साल से ज्यादा हो गए बिना रॉयल्टी के आवश्यकता से अधिक खनन किया जा चुका है जोकि जांच और कार्यवाही की मांग के बाद भी निरंतर जारी है पर खनिज विभाग का संरक्षण व रसूखदार नेताओ का संरक्षण प्राप्त होने के कारण इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिसके फलस्वरूप आज मुख्यमंत्री के नाम जोगी कांग्रेस ने ज्ञापन सौंपा हैं, डिप्टी कलेक्टर द्वारा कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है, शीघ्र कार्यवाही न होने पर उग्र प्रदर्शन जोगी कांग्रेस द्वारा किए जायेंगे।इस अवसर पर जोगी कांग्रेस जिलाध्यक्ष शमसुल आलम के साथ,जिला महासचिव जफर खान, युवा जिलाध्यक्ष बिलाल सोलीन खान, संदीप मंडले ,टाकेश्वर साहू ,सागर गजभिए,आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
जनता जोगी कांग्रेस छत्तीसगढ़ जिलाध्यक्ष शमशुल आलम ने कहा की राजनदगांव संस्कारधानी में कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार की हदें इतनी पार कर चुके है जिसकी कोई सीमा नहीं है,नेता और अधिकारी को कमीशन पहुंचा कर रसूखदार मोटी रकम कमा रहे है,साथ में खनिज विभाग इस ओर आंख बंद कर बैठी है जहां खनिज का खुले आम दोहन,बिना रॉयल्टी के खनिज की चोरी, व रसूखदार द्वारा जल जंगल जमीन पर अवैध रूप से कार्य करने पर भी कार्यवाई ना करते हुए, आंख बंद कर अपनी जिमेदारी से पल्ला झाड़ रहे है,अब यह आंख जान बूझ कर बंद कर रखा है या फिर ध्यान नहीं देते हुए गैर जिम्मेदाराना हरकत किया जा रा है,इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता।
बीजेपी के शासन काल से लेकर कांग्रेस के शासन काल तक में कई ऐसे रसूखदार पैदा हुए जो पहले बेनाम थे,लेकिन आज खनिज,वन,पेड़ो की चोरी के चलते गाढ़ी कमाई कर पहेचान बना चुके है,लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार इनके उपर ईडी सीबीआई के छापे नही मरवा सकती,कारण है की ये सब एक ही थाली के चटे बट्टे है।
और न ही केंद्र सरकार खनिज विभाग से लेकर राजस्व विभाग,वन विभाग, पीएचई विभाग के आला अधिकारियों की तलाशी लेगी क्योंकि यहां से उनको भी गाढ़ी कमाई करने का मौका मिलता है।
केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की कांग्रेस सरकार मिलकर बंदरबाट करते हुए रसूखदारों को साथ लेते हुए अवैध कार्य में भरपूर योगदान दे रहे है,वहीं जल जंगल जमीन जोकि हमारे आदिवासी भाई बहनों का है,उनके इस अधिकार को छीनते हुए जल जंगल जमीन बाहर से आए उद्योगपति को दे दिया जा रहा है,चाहे वो हसदेव अरण्य हो,NMDC LIMITED ने 30,000 करोड़ की लागत नारायणपुर की आमदई लोहा खदानों का खरबों का ठेका बाहरी निजी औद्योगिक रसूखदारों को देने का हो,NMDC लिमिटेड ने 30,000 करोड़ की लागत का नगरनार में इस्पात संयंत्र को 33 करोड़ में बेचने की बात हो,चाहे शेरपार में अवैध खनन कर बिना रॉयल्टी पर्ची के खनिज की चोरी का हो,चाहे वह पानाबरस में रेती चुराने का हो कई मामले है ऐसे छत्तीसगढ़ में जिसमे केंद्र और राज्य सरकार मिलकर छत्तीसगढ़ के आदिवासी भाई बहनों के जल जंगल जमीन को बेचकर रसूखदारों के लिए काम कर रही है।