खैरकट्टा में धूम-धाम से मनाया गया छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार ‘अक्ति’
बालोद(डौंडी लोहारा) - छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार अक्ती है यानि अक्षय तृतीया। आज के दिन बच्चे जहां मिट्टी से बने गुड्डे-गुड़िया का ब्याह रचाते हैं, तो वहीं किसान खरीफ फसल की शुरुआत के लिए धरती मां की पूजा अर्चना करते हैं और फिर जमीन के कुछ हिस्से की खुदाई कर उसमें बीज छिड़ककर खरीफ फसल की तैयारी की औपचारिक शुरुआत करते हैं।
इसी प्रकार ग्राम खैरकट्टा में प्रथम देव माने जाने वाले साहड़ा देव की भी पूजा कर उसके आसपास की भूमि को खोदकर बीज का छिड़काव कर खेती की शुरुआत करने की अनुमति ली। अंचल के किसानों ने भी आज धरती माँ और साहड़ा देव के समक्ष बरसों पुरानी परंपरा का निर्वहन किया छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहार अक्ति बड़े ही धूम धाम से सभी ग्रामवासियों खोरबहारा भुआर्य,प्रमोद चुरेंद्र,सियाराम रावते, राधेश्याम, गैंडसिंह, जोहर लाल भुआर्य सहित समस्त ग्रामवासी की उपस्थिति में मनाया गया।
इस पर्व में होने वाले शादी ब्याह के साथ-साथ पौराणिक मान्यता गुड्डा-गुड़ियों की शादी पर भी दिखा। सभी ग्रामवासी पारंपरिक तरीके से मनाते हुए,गुड्डा गुड़ियो की शादी करवाते खूब नाचते गाते नजर आए तो वहीं पूरे रीति रसम के साथ गुड्डा गुडिया का व्याह सम्पन हुआ।गांव में अनोखी रही अक्ती त्योहार का पर्व।