कोसरिया महार महारा समाज ने भीमराव अंबेडकर की जयंती बड़ी धूमधाम से पूरी बालोद जिला के सामाजिक लोगों ने मिलकर परीक्षेत्र तुरमुड़ा में मनाया
बालोद (डौंडीलोहारा) - आज पूरे देशभर में संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है। इसी कड़ी में कोसरिया महार महारा समाज परिक्षेत्र तुड़मुडा में बालोद जिला के सामाजिक लोगो द्वारा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती बड़ी धूमधाम से मनाया जिसमें बालोद जिला के सभी सामाजिक बंधु युवा वर्गों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और बाबा साहब की पूजा अर्चना कर हार पहनाते हुए नारे भी लगाए। इस दौरान सभी जनप्रतिनिधि और युवाओं ने जन्मोत्सव की एक-दूसरे को बधाइयां दी और जय भीम के नारे भी लगाए।
10वीं व 12वीं कक्षा में अच्छे नंबर प्राप्त कर उत्तीर्ण होने वाले मेरिट लिस्ट के बच्चो का हौसला बढ़ाते हुए,समाज द्वारा सम्मान करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया साथ ही बच्चो द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी गई, व छत्तीसगढ़ी पारंपरिक गीतों पर जमकर झूमते हुए बच्चो द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में बढ़ चडकर हिस्सा लिया गया।
कार्यक्रम में विषेस रूप से प्रांतीय अध्यक्ष श्री राम शैलेंद्र,प्रदेश उपाध्यक्ष तुलसी डोंगरे,प्रदेश सचिव भक्ताराम मंडावी,जिलाध्यक्ष आई.आर. बगमरिया ,जिला सह सचिव दीपक आरदे,परिक्षेत्र तुड़मुड़ा अध्यक्ष टोमन लाल,पूर्व जिलाध्यक्ष जीवन कोटेद्र,शिवचरण डोंगरे,मान पिंटू आरदा,दिलीप बघेल सहित सभी सामाजिक बंधु शामिल रहे,एवम खुशी व उमंग के साथ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी की जयंती मनाए।
कोसरिया महार महारा समाज के जिला सचिव दीपक आरदे ने कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा भारत में बाबा साहब अंबेडकर ने जो संविधान बनाया, उसमें सबकी सुनी गई और सबसे अच्छे आदर्शों को संविधान में शामिल किया गया। बाबा साहेब अंबेडकर ने अपना पूरा जन्म देश सेवा में लगाया। उन्होंने जो संविधान हमको दिया,बाबा साहब ने जो संविधान बनाया, उसमें अंतिम व्यक्ति की आवाज भी सुनाई देती है और उसका असर होता है। बाबा साहब अंबेडकर ने जो संघर्ष किया, उतना संघर्ष करने की क्षमता बहुत कम लोगों में होती है। हम इतना जरूर कर सकते हैं कि उनके दिखाये हुए रास्ते पर चलें। बाबा साहब ने जो मंत्र दिया, उस रास्ते पर चलकर हमें देश को मजबूत करने की जरूरत है।बाबा साहब हमेशा संगठित होने और शिक्षा पर जोर देते थे। उनका कहना था कि एक शिक्षित राष्ट्र ही महानता की ओर बढ़ता है। इसलिए हमे शिक्षा की ओर अग्रसर होते हुए एक बेहतर शिक्षित समाज का निर्माण कर राष्ट्र हित हेतु समर्पित होना चाहिए।