बोर्ड रिजल्ट से खुद को जज न करें, सब्जेक्ट के नंबर आपकी पहचान नहीं हैं (एच. के. साहू - युवा मोर्चा आम आदमी पार्टी राजनांदगांव)

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बुधवार की दोपहर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरफ से 10 वीं-12वीं के नतीजे जारी किए गए हैं। और ऐसे समय में अक्सर खबरों में पढ़ते हैं कि बोर्ड रिजल्ट से खुश न होने पर छात्र खतरनाक कदम उठा लेते हैं। कमोबेश हमारे समाज में बोर्ड एग्जाम को एक ऐसा हौव्वा बना दिया गया है मानो यही नंबर इंसान की पूरी जिंदगी तय कर देंगे। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं होता। व्यक्ति को उसका ज्ञान ही जीवन में सफल या असफल बनाता है। समाज में हर फील्ड में चाहे वो फिल्म या सिनेमा जगत हो, खेल जगत हो, प्रशासनिक सेवाएं हो, ऐसे उदाहरण मिलते हैं।

जिनमें लोगों ने बोर्ड एग्जाम में बहुत अच्छा नहीं किया लेकिन वो अपने जीवन में सफल रहे। हम अगर एक एग्जाम को ही जीवन में सफलता का पैमाना मान लेते हैं
तो बोर्ड रिजल्ट का परफार्मेंस हमें चिंता से भर देता है। लेकिन सच्चाई यह है कि मनोवैज्ञानिक तौर पर भी अच्छा रिजल्ट पाने वाले ही होनहार हों, ऐसा कहीं भी सिद्ध नहीं हुआ है. कई लोग बोर्ड परीक्षाओं में भले ही बेहतर न कर पाएं लेकिन अपनी जिंदगी में ऐसा मुकाम हासिल करते हैं जिसका दुनिया लोहा मानती है।

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