सम्मान शब्द नहीं बल्कि हमारी पूंजी है सम्मान समाज के प्रति सकारात्मक कार्यों का प्रतिफल है सम्मान
सम्मान एक ऐसा शब्द है जिसके अर्थ को समझने के लिए हमें समाज में दिनरात निःस्वार्थ सेवा करना पड़ता है।और इस सम्मान से विभूषित वही होता है जो दिनरात सोने की तरह आग में तपता है जलता है।समाज मे वह व्यक्ति अपनी अहम भूमिका निभाता है।तब कहीं जाकर वह सम्मान के लायक बन पाता है।
सम्मान देने अथवा लेने के लिये,आपको झुकना आना चाहिये।और इस बात से मेरा तात्पर्य है कि यदि आपको सम्मान की चाह है, तो आपको पहले उनके दिल पर दस्तक देनी होगी।और वो तभी सम्भव है,जब आपने समाज के लिये,लोगों के लिए राष्ट्र के लिये कुछ किया हो।तभी आपको समाज से पहचान और सम्मान मिल सकता है।
इसी तारतम्य में रोटरी क्लब ऑफ बिलासपुर एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के द्वारा रविवार को केंद्रीय जेल में बन्द बंदियों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था। "खुशी पर हम हक है " कार्यक्रम का आयोजन हुआ और इस उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी के हाथो समाज में उत्कृष्ट और सराहनीय कार्य के लिए चंचल सलूजा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।उक्त अवसर पर रोटरी क्लब की अध्यक्षा हमीदा सिद्धकी, कांग्रेस नेत्री वाणी राव,केंद्रीय जेल अधीक्षक,जेलर,के साथ रोटरी क्लब के मेंबर उपस्थित थे।।