देवदूत बनी 102 महतारी एक्सप्रेस सेवा, बच्चे का एंबुलेंस में सकुशल हुआ जन्म
प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद महज 15 मिनट में पहुंची 102 एम्बुलेंस में माँ ने बच्चे को अस्पताल पहुंचने से पहले बीच रास्ते मे ही जन्म दे दिया।
अमन ताम्रकार, साजा:-- आज के दौर में बीमारी कब सामने आ खड़ी हो इसका किसी को अंदाजा नहीं है। कई बार ऐसी स्थिति हो जाती है कि तुरंत एंबुलेंस की जरूरत पड़ती है। ऐसे में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत क्रिटिकल केयर सेवाओं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए एंबुलेंस सेवाए चलाई जा रही है। जिसका जरूरत पड़ने पर फायदा उठाया जा सकता है। बेमेतरा जिले के नगर देवकर के 102 महतारी एक्सप्रेस सेवा ने एक माँ और उसके बच्चे को नई ज़िंदगी दी है। प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद महज 15 मिनट में पहुंची 102 महतारी एक्सप्रेस में माँ ने बच्चे को अस्पताल पहुंचने से पहले बीच रास्ते ही जन्म दे दिया। महतारी एक्सप्रेस में मौजूद इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने यह सुरक्षित प्रसव करवा कर 102 सेवा को एक सफल सेवा सिद्ध कर दिया है।
महतारी एक्सप्रेस में महिला ने दिया बच्चे को जन्म:--
दरअसल, पूरा मामला साजा ब्लाक मुख्यालय से महज 15 किलो मीटर दूर देवकर समुदाय स्वास्थ केंद्र देवकर के ग्राम लुक का है। यहाँ अचानक गांव की रेहनी वाली एक महिला सुषमा सतनामी 22 वर्षी ने जब प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। उन्होंने फ़ौरन अपने पति खिलेंद्र को बुलाया। उन्होंने मौके की नजाकत को देकते हुए तत्काल 102 पर कॉल किया। जानकारी अनुसार यह कॉल दोपहर के 12:15 मिनट पर किया गया था। कॉल करने के महज 15 मिनट के अंदर ही यानी 12:30 मिनट पर ईएमटी सोनाली भट्ट, कैप्टन संदीप सीहोरे एम्बुलेंस लेकर एक देवदूत की तरह मौके पर पहुंच गए। इसके बाद एम्बुलेंस प्रसव पीड़ा से करहाती महिला को लेकर अस्पताल की तरफ रवाना हो गई। बता दें कि एम्बुलेंस में इस दौरान चालक के आलावा इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन, सोनाली भट्ट, और महिला का पति मौजूद थे। लेकिन गांव से घर की दूरी लगभग 10 किलोमीटर थी और ऐसा लग रहा था कि अस्पताल समय से पहुंच पाना मुश्किल है। लिहाजा हालात को मद्देनजर रखते हुए ईएमटी सोनाली भट्ट ने फैसला किया की प्रसव एम्बुलेंस में ही कराना होगा। जिसके बाद अपनी सूझ-भूज और अनुभव से ने सुरक्षित प्रसव करवाया और जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। फ़िलहाल माँ और नवजात शिशु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवकर में एडमिट हैं।
समाज का दूसरा पहलू:--
अक्सर हमने देखा है कि सरकारी सेवाओं को लेकर सोशल मीडिया पर या अख़बारों में कोई न कोई खबर ऐसी होती है जिसमे स्वास्थ्य विभाग या स्वास्थ्य सेवाओं का एक दूसरा ही पहलू देखने को मिलता है। कभी फ्री इलाज के नाम पर कमीशन खाते कर्मचारी तो कभी मूलभूत सुविधाओं की बदहाली, ऐसी तस्वीरें अक्सर हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि शायद इस देश और समाज में कभी बदलाव नहीं आ सकता। वही बेमेतरा ज़िले में हुए इस अद्भुत प्रसव के बारे में सुनते हैं तो लगता है कि मानवता अभी ज़िंदा है। अभी भी समाज में ऐसे लोग हैं जो अपने काम अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठां और ईमानदारी से करते हैं। इसमें एक बड़ा योगदान प्रशासन का भी माना जाएगा जिसने इस सुविधा को शुरू करने से लेकर इसके उचत्तम संचालन के कर्तव्य को बखूबी निभाया है।
क्या है 102 और 108 नंबर:--
नेशनल हेल्थ मिशन के तहत 102 और 108 नंबर डॉयल कर, एंबुलेंस सुविधा ली जा सकती है। मिशन के तहत देश के 35 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश एंबुलेंस सेवा दे रहे हैं। नेशनल हेल्थ मिशन के अनुसार मरीज की जरूरतों को देखते हुए दो तरह की एंबुलेंस सेवा प्रदान की जाती है। इसके आधार पर मरीज और उसके परिजन एक फोन के जरिए एंबुलेंस सुविधा ले सकते है। 102 : इसके तहत सामान्य जरूरत के लिए एंबुलेंस सेवा ली जा सकती है। इसके अलावा गर्भवती महिलाएं और बच्चों के इलाज के लिए भी इस सेवा का इस्तेमाल किया जा सकता है। कई राज्य जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत पात्र मरीज को फ्री में अस्पताल पहुंचाने, रेफर करने पर दूसरे अस्पताल पहुंचाने और बच्चे और मां को वापस घर पहुंचाने की सुविधा मुफ्त में देते हैं। 108: इसके तहत गंभीर मरीज, दुर्घटना में घायल लोगों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की सुविधा मिलती है।