आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा था - रितेश सिंह ठाकुर

आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा था - रितेश सिंह ठाकुर

आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा था - रितेश सिंह ठाकुर

आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा था - रितेश सिंह ठाकुर 


25 जून 1975 को भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को सीमित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल लागू कर दिया गया था। आज आपातकाल की 48वीं बरसी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई राजनेताओं ने इमरजेंसी को याद करते हुए इसके विरोध करने वाले साहसी लोगों व नेताओं को श्रद्धांजलि दी है। 
            
भाजपा युवा मोर्चा के जिला महामंत्री रितेश सिंह ठाकुर ने भी आपातकाल को याद करते हुए कहा कि इमरजेंसी के काले दिन हमारे इतिहास की एक अविस्मरणीय अवधि है, जो हमारे संविधान द्वारा बनाए गए मूल्यों के विपरीत है। मैं उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और हमारी लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने का काम किया। एक परिवार ने अपने हाथ से सत्ता निकलने के डर से जनता के अधिकारों को छीन व लोकतंत्र की हत्या कर देश पर आपातकाल थोपा था। अपने सत्ता-स्वार्थ के लिए लगाया गया आपातकाल, कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक और कभी न मिटने वाला कलंक है। उस कठिन समय में अनेक यातनाएं सहकर लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए लाखों लोगों ने संघर्ष किया। आपातकाल की घोषणा के साथ ही आरएसएस के स्वंयसेवकों व तमाम गैर कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई। विपक्षी नेताओं के आवाज को दबाते हुए जेल में बंद कर प्रताड़ित किया जाने लगा। आपातकाल के खिलाफ सत्याग्रह करने वाले लाखों लोगों को जेल भेज दिया गया। जो कांग्रेसी आज अभिव्यक्ति की आजादी व लोकतंत्र की बात करते है, उन्हें आपातकाल को याद कर लेना चाहिए। इतिहास के इस तानाशाही घटना को पाठ्यक्रम में भी जोड़ा जाए जिससे देश की आने वाली पीढ़ी को भी पता चल सके कि केवल एक परिवार ने कैसे अपने निज स्वार्थ के लिए सत्ता और पद का दुरुपयोग किया। आज भी उस परिवार और पार्टी की मानसिकता विध्वंसकारी है। सत्ता प्राप्त कर ये लोग केवल यहां के संसाधनों पर कब्जा चाहते है। कांग्रेस पार्टी केवल एक परिवार के इर्द गिर्द ही घूमती है। आज भले ही पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर गैर गांधी परिवार से हो पर आंतरिक दृष्टि से संचालन और बागडोर परिवार के पास ही है। जो पार्टी और परिवार देश के लोकतंत्र को खत्म कर सकती है वह पार्टी में कहां लोकतंत्र चलने देगी। इतिहास में यह दिन काला दिन है जो सदैव कांग्रेस और गांधी परिवार को उनकी तानाशाही रवैय्ये की याद दिलाता रहेगा।


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