दिनांक 04/02/2022 को गुण्डरदेही विकासखंड क्षेत्र से एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा अपने गाँव की तीन अनाथ बहनों को बालक कल्याण समिति जिला बालोद के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
समिति के समक्ष प्रस्तुत बालिकाओं के कथन अनुसार माता पिता के पास जीवन यापन हेतु कोई दृश्यमान साधन नही होने के कारण मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करते थे। वर्तमान में कोविड- 19 महामारी काल में माता पिता का देहांत हो गया। जिसके कारण तीनों बालिकाएं अनाथ हो गई।
समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के पूर्व तक नाबालिग दो बड़ी बहने मिडिल स्कूल की पढ़ाई छोड़कर गाँव में कृषि मजदूरी करके अपना एवं अपनी छोटी बहन का पालन पोषण कर रही थीं। छोटी बहन अभी कक्षा छटवीं में पढ़ रही है। अत्यंत गरीबी के कारण घर रहने योग्य नही है, दीवाल एक से टुटा है, दरवाजा भी कमजोर है, बिजली नही है, बारिश के दिनों में पानी घर के चले जाने के कारण जीव जन्तुओं का भय रहता है। अतएव उक्त बालिकाएं दिन में किसी तरह उसी टूटे फूटे झोपड़ी में तथा रात्रि रिश्तेदार व पड़ोसियों के घर में बिताते है। समिति के द्वारा पुछने पर तीनों बालिकाएं बालिकागृह जाने के बजाये एक साथ ही उसी घर में रहना चाहती हैं बालिकाएं चाहती है कि शासन प्रशासन के सहयोग से उसके घर को रहने योग्य बनाकर दिया जाये जिससे तीनो बहने सुरक्षित उस घर में रह सके। शेष जीवन यापन के अन्य संसाधन को वे स्वयं जुटा सकती है।
अतएव उक्त बालिकाओं के कथानोपरांत बाल कल्याण समिति जिला बालोद के अध्यक्ष कृष्णा साहू , सदस्य शैल टांक , गायत्री साहू , रीतु बाम्बेश्वर , हेमलाल साहू को प्रतीत हुआ कि बालिकाओं के सर्वोत्तमहित व इच्छानुसार देखरेख, संरक्षण, उपचार, विकास व पुनर्वास के लिए जिले के सामाजिक संस्थाओं व कार्यकर्ताओं से संपर्क करने की आवश्यकता है इसलिए समिति द्वारा गणमान्य लोगों से यथा हेमंत कुमार साहू(जनपद उपाध्यक्ष) रामाधीन निषाद (अध्यक्ष ग्रामीण निषाद समाज ) के साथ समिति कार्यालय में प्रत्यक्ष बैठक कर उन्हें उक्त बालिकाओं के परिस्थितियों से अवगत कराते हुए पुनर्वास हेतु विचार विमर्श किया गया। साथ ही समिति के अध्यक्ष कृष्णा साहू द्वारा निषाद समाज के बालोद जिला अध्यक्ष माननीय कुंवर सिंह निषाद (विधायक) को दूरभाष पर समुचित जानकारी देकर सहयोग का आग्रह किया गया। समिति द्वारा उक्त गणमान्य लोगों से बालिकाओं के रहने के लिए सुरक्षित आश्रय हेतु गृह निर्माण करने का अनुरोध किया गया। उक्त लोगों द्वारा दो तीन दिन में विचार कर समिति को अवगत कराने की बात कही। अतएव तब तक के लिए समिति अपने निर्णय में उक्त बालिकाओं को किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 02 उपधारा 14 के नियम (1) एवं (6) के तहत देखरेख व संरक्षण की जरूरतमंद मानकर उसके बेहतर देखभाल व संरक्षण के लिए रिश्ते में बालिका के बड़े पिता से घोषणा पत्र लेकर उक्त बालिकाओं को अस्थाई पर्यवेक्षण में सुपुर्द करने का आदेश पारित किया गया। साथ ही माननीय जिला मजिस्ट्रेट को उक्त बालिकाओं की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी व तत्काल पुनर्वास की अनुशंसा तथा उक्त बालिकाओं के शैक्षणिक गतिविधियों को पुनः प्रारंभ करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी बालोद को आदेशित किया गया।
सतत् निगरानी और संवाद से एवं सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधिगण तथा माननीय श्री कुंवर सिंह निषाद जी (विधायक) के सहयोग से आज उक्त बालिकाओं के लिए पक्का घर का निर्माण हो रहा है तथा दोनों बालिकाएं जिसमें एक कक्षा नवम और दुसरी कक्षा आठवीं पढ़ने स्कूल जा रही है साथ ही उक्त बालिकाओं के जीवन निर्वाह को सरल बनाने तथा पढ़ाई लिखाई संबंधी अन्य खर्चे के लिए मिशन वात्सल्य के तहत दो बालिकाओं को प्रतिमाह 4.4 हजार रूपये दिया जा रहा है।
बाल कल्याण समिति जिला बालोद के अध्यक्ष कृष्णा साहू , सदस्य शैल टांक . गायत्री साहू, श्रीमती रीतु बाम्बेश्वर , हेमलाल साहू को उनके लगातार प्रयासों और सतत संवाद के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अजय शर्मा , जिला कार्यक्रम नारेन्द्र कुमार साहू, संरक्षण अधिकारी, गैर देखरेख द्वारा शुभकामनायें व बधाई संदेश प्रेषित किया है।