डॉ. प्रतीक उमरे ने कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा से दुर्ग के विद्युत विभाग की बदहाल कार्यप्रणाली में तत्काल सुधार की मांग की
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा से दुर्ग के विद्युत विभाग की बदहाल कार्यप्रणाली में तत्काल सुधार की मांग किया है।पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने बताया की एक ओर जहां छत्तीसगढ़ शासन सरप्लस बिजली देने की बात कर रही है।वहीं दूसरी ओर दुर्ग शहर के कसारीडीह क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों में प्रतिदिन बिजली बंद हो जाती है।क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति का बुरा हाल है।इससे व्यावसायियों के व्यापार पर असर पड़ रहा है साथ ही भीषण गर्मी के चलते जनता भी परेशान है।बिजली विभाग की रोजाना मनमानी बिजली कटौती से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।एक ओर जहां गर्मी ने बेहाल कर रखा है।वहीं दूसरी ओर घंटों बिजली गुल रहने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।लगातार बिजली की अघोषित कटौती ने लोगों का आक्रोश बढ़ा दिया है।बिजली व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी बिजली नहीं होने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।जिसमें फोटोकापी,वेल्डिंग दुकान,कंप्यूटर,इंटरनेट,इलेक्ट्रॉनिक दुकान के अलावा अन्य छोटे व्यावसायी शामिल हैं।साफ मौसम में भी बार बार बिजली बंद होने का सिलसिला थम नहीं रहा है।लेकिन बिजली विभाग विद्युत आपूर्ति की आंखमिचौली से लोगों को निजात दिलाने को गंभीर नहीं है न ही विभाग कर्मचारी व अधिकारी इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने कोई ठोस कदम उठा रहे हैं।बिना किसी पूर्व सूचना के मेंटनेंस के नाम पर बिजली बंद करने वाला विद्युत विभाग अब बिजली पहुंचाने में असक्षम नजर आ रहा है।बिजली विभाग में शिकायत करने के लिए फोन लगाया जाता है तो वहां फोन ही नहीं लगता। जाने अनजाने में कभी फोन लग भी जाए तो बिजली विभाग के कर्मचारी संतोषजनक उत्तर देने की बजाय जल्द बिजली आएगी कहकर फोन काट देते हैं।भीषण गर्मी के कारण पंखा,कूलर के बगैर एक मिनट भी रहना कठिन है,ऐसे में घंटो बिजली गुल होने से कसारीडीह एवं आस पास के क्षेत्रों के रहवासियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।बढ़ती बिजली कटौती से ऐसा लगता है कि विद्युत विभाग द्वारा बिजली बिल हाफ नहीं बल्कि बिजली की सुविधा हाफ किया जा रहा है।पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा की 5 दिनों के अंदर अगर विद्युत आपूर्ति की बदहाल व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो वे दुर्ग बिजली विभाग के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठेंगे,जिसके लिये पूर्ण रूप से विद्युत विभाग जिम्मेदार होगा।