फिल्म आदिपुरुष को छत्तीसगढ़ में बैन करने की उठी मांग,पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र,कहा- श्री राम का चरित्र धूमिल करने की साजिश।

फिल्म आदिपुरुष को छत्तीसगढ़ में बैन करने की उठी मांग,पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र,कहा- श्री राम का चरित्र धूमिल करने की साजिश।

फिल्म आदिपुरुष को छत्तीसगढ़ में बैन करने की उठी मांग,पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र,कहा- श्री राम का चरित्र धूमिल करने की साजिश।

फिल्म आदिपुरुष को छत्तीसगढ़ में बैन करने की उठी मांग,पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, कहा- श्री राम का चरित्र धूमिल करने की साजिश।


दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने फिल्म आदिपुरुष को छत्तीसगढ़ में बैन करने के लिए सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा है।पूर्व एल्डरमैन ने सीएम को लिखे पत्र में निवेदन किया है कि 16 जून 2023 को रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष को छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित किया जाए।डॉ. प्रतीक उमरे ने कहा कि फिल्म निर्माताओं ने इस फिल्म को रामायण पर आधारित बताया है लेकिन इसका कोई भी किरदार हमारे धर्म ग्रंथों की मर्यादाओं के अनुसार नहीं है।फिल्म में अमर्यादित और फूहड़ भाषा का इस्तेमाल किया गया है।फिल्म में ऐसे डायलॉग हैं,जो सनातन आस्था और सनातन प्रेमियों के हृदय को ठेस पहुंचाते हैं।फिल्म में दर्शाए गए रामायण के सभी पात्र रामायण की कहानी के बिल्कुल उलट हैं, यह हमारे धर्म ग्रंथों और हमारी संस्कृति पर कुठाराघात है।

श्री राम का चरित्र धूमिल करने की साजिश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे पत्र में कहा गया है कि फिल्में समाज का दर्पण होती हैं, इस तरह की फिल्में जो हमारे धर्म ग्रंथों की कहानी को बिल्कुल गलत और अमर्यादित तरीके से दर्शाती हैं,इनसे आने वाली पीढ़ी हमारी धर्म और संस्कृति के बारे में बिल्कुल गलत धारणा बनाएगी।भविष्य के लिए ये निश्चित कहा जा सकता है कि धर्म विरोधी कुछ लोग इसी फिल्म के आधार पर हमारी संस्कृति और हमारे धर्म ग्रंथों पर कटाक्ष करेंगे।फिल्म आदिपुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के चरित्र को धूमिल करने और हमारी संस्कृति को मिटाने का एक गहरा षड्यंत्र है।फिल्म में धर्म ग्रंथों के अनुरूप एक भी दृश्य नहीं है और ना ही कोई पात्र मर्यादित तरीक़े से दर्शाया गया है।अतः इस फिल्म को छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित किया जाए,जिससे कि हमारे धर्म का अपमान रुक सके और हमारी संस्कृति के बारे में हमारी आने वाली पीढ़ियां कोई गलत धारणा ना बनाएं।इसलिए मुख्यमंत्री से उक्त विषय पर तत्काल संज्ञान लेकर संबंधित विभागों को आदेश करने की मांग किया है।


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