सेल के नियमित एवं ठेका श्रमिकों के वेतन समझौते पर प्रबंधन के असहयोगात्मक रवैया के खिलाफ सीटू ने किया विशाल विरोध प्रदर्शन

सेल के नियमित एवं ठेका श्रमिकों के वेतन समझौते पर प्रबंधन के असहयोगात्मक रवैया के खिलाफ सीटू ने किया विशाल विरोध प्रदर्शन

सेल के नियमित एवं ठेका श्रमिकों के वेतन समझौते पर प्रबंधन के असहयोगात्मक रवैया के खिलाफ सीटू ने किया विशाल विरोध प्रदर्शन

सेल के नियमित एवं ठेका श्रमिकों के वेतन समझौते पर प्रबंधन के असहयोगात्मक रवैया के खिलाफ सीटू ने किया विशाल विरोध प्रदर्शन


स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन (सीटू )राजहरा के द्वारा सेल के नियमित कर्मचारियों के आधे अधूरे वेतन समझौता और ठेका मजदूरों की वेतन बढ़ोतरी पर सेल प्रबंधन के नकारात्मक रवैया के खिलाफ आज 28 जून को दोपहर 12:00 बजे से लेकर 2:00 बजे तक माइन्स ऑफिस राजहरा के सामने विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया l इस विरोध प्रदर्शन में माइंस के लगभग 350 से 400 नियमित एवं ठेका श्रमिकों ने भागिदारी दिया है l 
विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू के सचिव कामरेड श्री प्रकाश सिंह क्षत्री ने कहा कि हमारा प्रबंधन के मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ लड़ाई और मुद्दे कोई नई नहीं है l हम नियमित एवं ठेका कर्मचारियों के वेतन समझौता पर प्रबंधन के भेदभाव पूर्ण नीति के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहे हैं इसी माह के 14 तारिख को महारैली एवं 15 तारिख को महाधरना किया गया, इन आंदोलन के फलस्वरूप प्रबंधन 06 जूलाई को ठेका श्रमिकों के वेतन समझौता के लिए सब कमेटी की बैठक करने जा रही है तथा नियमित कर्मचारियों के वेतन समझौता के लिए जूलाई के अंतिम सप्ताह में फुल एनजेसीएस बैठक करने की बात की है।हम चाहते हैं कि से ल के सभी नियमित कर्मचारी और ठेका कर्मचारी को उनके हक और अधिकार मिले l

सेल प्रबंधन द्वारा जिस तरह अधिकारियों को लाभ का पूरी हिस्सेदारी दिया जाता है उसी तरह नियमित कर्मचारियों और ठेका कर्मचारियों को भी लाभ का हिस्सा देखकर प्रोत्साहित करें l प्रबंधन अधिकारियों को खुश करने के लिए कई तरह से स्कीम लाता है लेकिन जिन उत्पादन में कर्मचारियों का भी हाथ है उनके लिए ऐसे कोई लाभदायक योजना लेकर नहीं आता l सेल प्रबंधन के द्वारा एक ओर अधिकारियों को वेतन समझौता, पीआरपी का लाभ के ऊपर लाभ दिया जाता है दूसरी ओर कर्मचारियों को लाभ देने के बजाय और उनका अधिकार में डाका डाला जा रहा है l कर्मचारियों के ग्रेच्युटी पर एकतरफा सिलिंग इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है । इसी तरह DASA जो पहले कर्मचारियों को 10 % मिलता था उसे 8% कर दिया गया l माइंस के आपरेटरों, ड्राइवरों को मिलने वाले वाशिंग अलाउंस को भी बंद कर दिया गया, इसके लिए भी प्रबंधन के साथ ही साथ हमारे कुछ श्रमिक संगठनों के मुखियाओं का श्रमिक विरोधी रवैया जिम्मेदार है l यह लोग अपने आप को मजदूरों का हितैषी कहते हैं l यदि सच में मजदूरों के हितैषी हैं तो क्यों पहले से मिलने वाली राशि में प्रबंधन के हां में हां मिलाकर कटौती कर दी गई l क्यों ये लोग माइंस के ठेका कार्यो में ऐसा ब्यवस्था लाना चाहते हैं जिसमें ठेकेदारों को ठेका बदलने पर मजदूर बदलने का अधिकार दिया जाए l क्या ठेका श्रमिकों को यह लगता है कि आपका हक और अधिकार के लिए इन लोग लड़ पाएंगे, यदि ऐसा नहीं है तो अब आप लोगों को जागने की बारी है l अपने जमीर को जगाए इस तरह के श्रमिक नेताओं को जवाब दीजिए और जो आपके हक और अधिकार के लिए लड़ रहे हो उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका हाथ मजबूत करिए l तभी भविष्य में होने वाले प्रबंधन की दमनकारी नीति और रवैया के खिलाफ हम लड़ पाएंगे l नहीं तो श्रमिक साथी प्रबंधन और ठेकेदारों के सामने लाचार और बेबस हो जाएंगे l ठेकेदार जिस मजदूर को रखना चाहेगा वह रख सकेगा और जितना वेतन मजदूरों को देना चाहेगा वही लेने के लिए ठेका श्रमिक मजबूर होंगे। 
 
सेल के सभी यूनियनों ने एकसाथ मिलकर 30 जून 2021 को ऐतिहासिक हड़ताल किए थे l उस समय सीटू सहित अन्य यूनियनों ने भी वादा किया था कि नियमित एवं ठेका श्रमिकों का वेतन समझौता एक साथ किया जाएगा l लेकिन तीन यूनियन ने ठेका श्रमिकों को पुरी तरह दरकिनार कर नियमित श्रमिकों के साथ भी धोखाधड़ी करते हुए आधे अधूरे तरीके से वेतन समझौता एमओयू कर लिए जिसका खामियाजा कर्मचारियों को आज तक भुगतना पड़ रहा है। कम एमजीबी, कम पर्क्स की भरपाई दो अतिरिक्त इंक्रीमेंट देकर पुरा किया जाये यह सीटू यूनियन का स्पष्ट मांग है। 




ठेका श्रमिकों के वेतन समझौता के लिए सीटू यूनियन का यह स्पष्ट समझ है कि सेल के अंदर नियमित कर्मचारियों का भर्ती होना बहुत दिनों से लगभग बंद है l इनका काम सेल के सभी इकाईयों में ठेका श्रमिकों के द्वारा करवाया जा रहा है l जबकि एनजेसीएस के सभी एग्रीमेंट एवं कांटेक्ट लेबर एक्ट में स्पष्ट प्रावधान है कि ठेका श्रमिकों को स्थाई प्रकृति के काम में नहीं लगाया जा सकता l यदि नियमित कर्मचारियों का काम ठेका श्रमिकों के द्वारा कराया जाता है तो उन्हें भी नियमित कर्मचारियों को मिलने वाली वेतनमान सुविधा व सभी लाभ दिया जाये, इसलिए ठेका श्रमिकों को भी सेल के न्युनतम S-1 ग्रेड के नियमित कर्मचारियों की तरह इन्हें भी वेतन और सुविधा क्यों नहीं दिया जाता l सीटू की यह भी मांग है कि एडब्ल्यूए वेतन के साथ समाहित हो l ताकि पीएफ, ग्रेच्युटी में श्रमिकों को इसका लाभ मिल सके l सीटू की यह भी महत्वपूर्ण मांग है कि ठेका श्रमिकों का भी कम से कम 20 लाख रुपये का सामूहिक दुर्घटना बीमा किया जाए ताकि यदि किसी साथियों का दुर्घटना हो जाए तो उनके परिवार को इसका लाभ मिल सके l

 हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू के अध्यक्ष कामरेड पुरुषोत्तम सिमैया ने कहा कि हमारी 8 सूत्री मांगे जब तक पूरी नहीं हो जाती हमारा यूनियन पूरे सेल के स्तर पर हड़ताल करने को बाध्य हो जाएंगे l प्रबंधन श्रमिकों के धैर्य का परीक्षा ले रहे हैं l वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं है जब श्रमिकों को आर पार की लड़ाई के लिए आगे आना होगा और जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाएगी तब तक पूरी तरह से माइंस का चक्का जाम कर हड़ताल पर जाना होगा l हम प्रबंधक को चेतावनी देते हैं कि मजदूरों की सहनशीलता का परीक्षा ना लें l कामरेड विनोद मिश्रा ने कहा कि प्रबंधन नियमित एवं ठेका कर्मचारियों के साथ भेदभाव मजदूरों का सहयोग करें क्योंकि सेल के उत्पादन व लाभ में तथा महारत्न कंपनी बनाने में सभी का योगदान रहा है l इनकी मांग जो पूरी तरह से जायज है उसे प्रबंधन माने l हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू की ओर से प्रबंधन के सामने निम्न 8 सूत्री मांगे रखी गई है । 

कम एमजीबी की भरपाई के लिए दो अतिरिक्त इंक्रीमेंट दिया जाए l 39 महीने के बेसिक DA के पुरे एरियर्स तथा पर्क्स के एरियर्स का तुरंत भुगतान किया जाय l HRA नाइट शिफ्ट DASA और अन्य भत्ते में भी बढ़ोतरी किया जाए l प्रबंधक की ओर से की गई ग्रेविटी सीलिंग संबंधी एकतरफा आदेश तत्काल वापस लिया जाए l ठेका श्रमिकों का वेतन समझौता तत्काल किया जाए तथा ठेका श्रमिकों का सामूहिक बीमा किया जाए l पदनाम में उचित परिवर्तन के साथ नई पदोन्नति नीति लागू किया जाए l सभी इकाइयों में मेन पावर की कमी को दूर करने के लिए तत्काल भर्ती प्रारंभ किया जाए l भर्ती भी पूर्व की तरह S-3 व S-6 ग्रेट से किया जाए l आरआईएनएल में बिना देरी किए नया वेतन तत्काल लागू किया l जाए l सेल वा आरआईएनएल किसी भी इकाई का निजीकरण तथा विनिवेश नहीं किया जाए l

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