जिंदा तो जिंदा, मरे हुए लोगों तक को नहीं बख्श रहा नगर निगम : डॉ. प्रतीक उमरे
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा से दुर्ग नगर निगम द्वारा दफन शवों पर कचरा डंप करने पर रोक लगाने की मांग किया है।पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने दुर्ग नगर निगम की कार्यप्रणाली पर रोष व्यक्त करते हुए बताया कि दुर्ग नगर निगम द्वारा दुर्ग के बोरसी ,पोटिया, पदमनाभपुर, कसारीडीह, केलाबाड़ी, आदर्श नगर सहित 15 वार्ड के कचरे को दुर्ग नगर निगम द्वारा बेथनी कॉलेज से अंदर की ओर ठगड़ा बांध से एक किलोमीटर दूरी पर कब्रिस्तान में डंप किया जा रहा है। दुर्ग नगर निगम कूड़ा उठाने से लेकर उसे डंप करने तक की प्रक्रिया में मानकों का खुला उल्लंघन कर कब्रिस्तान में पड़े शवों पर कचरा डंप कर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर विकृत मानसिकता का परिचय दे रहा है।इसको लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है,दुर्ग नगर निगम द्वारा सेग्रीगेशन प्लांट की जगह एसएलआरएम सेंटर पर खर्च किया गया है फिर भी इधर उधर कही भी कचरा डंप किया जा रहा है।
सरकार को धोखा देता सिस्टम
दुर्ग नगर निगम द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। राज्य व केंद्र सरकार को गलत जानकारी भेजकर धोखे में रखा जा रहा है।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की गाइडलाइन है कि सॉलिड कचरे को अलग-अलग करने शहर से बाहर सेग्रीगेशन प्लांट लगाएं।शहर में कहीं भी कचरा डंप नहीं होगा,उसे सीधे सेग्रीगेशन प्लांट में भेजा जाएगा। बिल्डिंग से निकलने वाले कचरे के लिए अलग से प्लांट तैयार किया जाएगा।इस कचरे से बॉयोगैस, खाद व वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग सड़क बनाने करेंगे। एनजीटी की लगातार एडवाइजरी व निर्देश के बाद शासन ने ट्रेंचिंग ग्राउंड को समाप्त करने का आदेश जारी किया था। आदेश वर्ष 2018 में जारी हुआ।इसके तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की गाइडलाइन तय की गई।इसके अनुसार कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड या शहर में इधर उधर डंप नहीं किया जाना है। इसके बावजूद दुर्ग नगर निगम द्वारा खुलेआम नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए लोगों की भावनाओं को आहत किया जा रहा है। जिसकी शिकायत पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे द्वारा दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा के साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को भी किया गया है।