डोंडी : जैन समुदाय के साधुमार्गी के चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के साथ ही तपस्याओं का दौर प्रारंभ

डोंडी : जैन समुदाय के साधुमार्गी के चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के साथ ही तपस्याओं का दौर प्रारंभ

डोंडी : जैन समुदाय के साधुमार्गी के चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के साथ ही तपस्याओं का दौर प्रारंभ

डोंडी : जैन समुदाय के साधुमार्गी के चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के साथ ही तपस्याओं का दौर प्रारंभ 


डोंडी: जैन समुदाय के साधुमार्गी के चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के साथ ही तपस्याओं का दौर प्रारंभ हो गया डोंडी जैन समाज में भी चातुर्मास प्रवेश को लेकर समाज जन में उत्साह व उमंग है तथा तपस्या का दौर भी प्रारंभ हो गया । इसी कड़ी में जैन समाज के सुश्रावक सुनील ढेलड़िया की धर्माग्नि श्रीमती कांता देवी ढेलडिया ने प्रमिला श्री जी मसा की प्रेरणा से 22 जुलाई से तप प्रारंभ किया । तप बेले, तेले, पांच उपवास के बाद यह अठाई तपस्या में परिवर्तित हुआ । पूर्व में भी कांता ढेलडिया के साथ सुनील ढेलड़िया द्वारा जोड़े से वर्षी तप सहित 15 के तप भी पूर्ण किए है वे आचार्य विजय लाल जी मसा की प्रेरणा से तपस्या पूर्ण की । इस प्रकार श्रीमती कांता ढेलडिया का अठाई तप 31 जुलाई को पूर्ण हुआ। 

अठाई तप पूर्ण होने पर पर डोंडी महिला मंडल द्वारा धार्मिक अनुमोदना गीत का आयोजन भी किया गया । तथा तपस्वी के तप की अनुमोदना की गई । 31 जुलाई को नवकारसी पश्चात कांता ढेलडिया ने जैन भवन में विराजित सतिया जी से मांगलिक सुनी । तत्पश्चात शासन माता का पूजन पाठ कर व आशीर्वाद प्राप्त कर परिवार जन पति सुनील ढेलड़िया,पुत्र रूपेश,प्रिंस के अलावा बहुओं की उपस्थिति में पारणा किया । । संपूर्ण परिवार ने एक साथ एक होकर कांता ढेलडिया को पारणा कराया । यूं तो कांता ढेलडिया श्रद्धानिष्ठा और धार्मिक परिवार से होने से पूर्व में भी दो बार अठाई तप पूर्ण कर चुकी है तथा एक बार 15 उपवास वर्षीतप की तपस्या भी पूर्ण कर चुकी है । इसके अलावा पूर्व में में चातुर्मास के दौरान उपवास ,बेले , तैले व आयंबिल तप कई बार कर चुकी है तथा सामायिक, प्रतिक्रमण आदि इनकी जीवनशैली का हिस्सा है । इस तपस्या के पूर्ण होने पर संपूर्ण डोंडी जैन समाज ने तप की अनुमोदना की और मंगलकामनाएं प्रेषित की ।



श्री ओम गोलछा जी की खबर 

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