श्री पाटेश्वर धाम में एक महीने की शिवपुराण कथा एवम भागवत कथा का छठवां दिन
संपूर्ण विश्व में धर्म शब्द केवल सनातन के लिए ही कहा गया है अन्य कोई धर्म है ही नहीं बाकी सभी मजहब और मान्यता अर्थात रिलीजन है: संत रामबालक दास जी
19 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक श्री पाटेश्वरधाम में आयोजित एक महीने की शिवपुराण कथा में संत श्री राम बालक दास जी ने आज बताया कि ईश्वर ने धर्म नहीं बनाया केवल वर्णाश्रम व्यवस्था बनाकर मनुष्यों को अपने अपने कर्तव्य के पालन करने का आदेश दिया ईश्वर के आदेश को ही हम वेद या पुराण कहते हैं जिसे मानने वाले ही ईश्वर के भक्त साधक या साधु सन्यासी कहे जाते हैं जो केवल ईश्वर को मानता है और ईश्वर की कही बातों अर्थात वेद पुराणों को नहीं मानता वह वास्तव में ईश्वर भक्त हो ही नहीं सकता आज सुबह 9:00 से 10:00 बजे अपने ऑनलाइन सत्संग में श्रीमद् भागवत कथा के विशेष प्रसंग में संत श्री ने कहा कि जो सत्य है वही धर्म है और सत्य का पालन करने वाला है वह ही सच्चा धार्मिक है सत्य और धर्म एक दूसरे के पर्यायवाची शब्द हैं अतः मिथ्या भाषी व्यक्ति अपने को धार्मिक ना कहें ।