मणिपुर हिंसा पर दल्ली राजहरा के विभिन्न श्रम संगठनों ने कड़ी निन्दा करते हुए अपना रोष जताया एवं मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने हेतू ज्ञापन सौंपा

मणिपुर हिंसा पर दल्ली राजहरा के विभिन्न श्रम संगठनों ने कड़ी निन्दा करते हुए अपना रोष जताया एवं मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने हेतू ज्ञापन सौंपा

मणिपुर हिंसा पर दल्ली राजहरा के विभिन्न श्रम संगठनों ने कड़ी निन्दा करते हुए अपना रोष जताया एवं मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने हेतू ज्ञापन सौंपा

मणिपुर हिंसा पर दल्ली राजहरा के विभिन्न श्रम संगठनों ने कड़ी निन्दा करते हुए अपना रोष जताया एवं मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने हेतू ज्ञापन सौंपा


मणिपुर हिंसा पर दल्ली राजहरा के विभिन्न श्रम संगठनों ने कड़ी निन्दा करते हुए अपना रोष जताया एवं मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटनाओं पर रोक लगाने तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने हेतु राष्ट्रपति के नाम एस डी एम को ज्ञापन सौंपा।
 
मणिपुर हमारे देश का महत्वपूर्ण व अभिन्न हिस्सा है। राज्य एवं केन्द्र सरकार की सोची समझी साज़िश पुर्ण रणनीति के तहत विगत ढाई माह से अधिक समय से भयंकर हिंसा व अराजकता से मणिपुर जल रहा है। यह हिंसा पुरी तरह राज्य प्रायोजित हिंसा है। जहाँ इतनी भयंकर हिंसा व बहुसंख्यक वर्ग द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के उपर भारी अत्याचार, बर्बरता व अमानवीय पुर्वक हमले कर रहा है जिसमें अब तक 150 से अधिक लोगों की जान भी जा चुकी है, सैकड़ो महिलाओं /लडकियों के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं होती रही है। यह स्वयं मणिपुर के मुख्यमंत्री का बयान है। 

चार मई 2023 की वह घटना जिसमें दो महिलाओं को नग्न कर सैकड़ों लोगों की भिड़ द्वारा किया जा रहा यौन शोषण व सामुहिक बलात्कार बहुत ही हृदय विदारक घटना है। इस पर वहाँ के मुख्यमंत्री का बडे़ ही बेशर्मी पुर्ण यह बयान कि यह कोई एक घटना नहीं ऐसे तो सैकड़ों घटनाएं हुई है‌। वह भी पुलिस के मौजूदगी में, स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार की प्रायोजित हिंसा है। मणिपुर में हो रही भयंकर हिंसा व महिलाओं पर हो रही भारी शर्मनाक घटनाओं से हमारे देश को विश्व भर में शर्मसार होना पड़ा है। 

माननीया राज्यपाल महोदया राज्य की हालात लगातार केन्द्र सरकार को भेजते रही है, उन्होंने एक विडियो जारी कर अपनी लाचारी व्यक्त किया है। परंतु केन्द्र सरकार आंखों में पट्टी बांधकर मुक बधिर बैठा रहा। माननीय सुप्रीम कोर्ट को अंततः इस पर संज्ञान लेना पड़ा तब जाकर हमारे माननीय प्रधान मंत्री ने इन घटनाओं पर अपनी चुप्पी तोडते हुए निंदा जारी किया है। इस पर भी राजनीतिक रोटी सेंकते हुए मणिपुर की घटनाओं की तुलना हमारे छत्तीसगढ़ व राजस्थान के साथ किया है जिससे हम सभी छत्तीसगढ़ वासियों की भावना आहत हुई है तथा यहाँ की जनता भारी आक्रोश में है। 

मणिपुर में ढाई माह से चल रही हिंसा का आग उनके पडोसी राज्य में भी फैल रहा है। परंतु राज्य एवं केन्द्र सरकार इस पर समुचित कदम नहीं उठा रहे हैं। 
अतः आज दिनांक 25.07.2023 को हम छत्तीसगढ़ राज्य के दल्ली राजहरा के निम्न संगठन मणिपुर में प्रायोजित हिंसा व महिलाओं पर अत्याचार की कड़ी निंदा व प्रदर्शन के माध्यम से आक्रोश व्यक्त करते हुए निम्नलिखित मांग करते हैं:-

1) मणिपुर राज्य सरकार को तत्काल बर्खास्त कर मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाई जाये। 

2) मणिपुर में ही रही हिंसा व महिलाओं पर अत्याचार के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में जांच करवाई जाए तथा दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। 

3) मणिपुर में जारी हिंसा व महिलाओं पर अत्याचार पर रोकथाम के लिए सैन्य बलों सहित सभी समुचित उपाय अपना कर राज्य में जल्द से जल्द शांति स्थापित किया जाये।

आज के प्रदर्शन कार्यक्रम में  हिन्दुस्तान स्टील एम्पलाईज यूनियन (सीटू), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ , छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, बौद्ध महासभा राजहरा। सभी संगठनों के सैकड़ों लोग शामिल हुए। 

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