अगासदिया प्रेमचंद सम्मान एवं मधुर साहित्य स्थापना दिवस समारोह मनाया गया

अगासदिया प्रेमचंद सम्मान एवं मधुर साहित्य स्थापना दिवस समारोह मनाया गया

अगासदिया प्रेमचंद सम्मान एवं मधुर साहित्य स्थापना दिवस समारोह मनाया गया

अगासदिया प्रेमचंद सम्मान एवं मधुर साहित्य स्थापना दिवस समारोह मनाया गया 


 
बालोद/ जिले की साहित्यिक संस्था मधुर साहित्य परिषद जिला बालोद का 22 वॉं स्थापना दिवस समारोह 28 जुलाई 2022 को तांदुला जलाशय विश्राम गृह आदमाबाद में दोपहर 12:00 बजे माँ शारदे की पूजा वंदन के साथ शुरुआत हुई । स्वागत उद्बोधन परिषद के अध्यक्ष डॉ.अशोक आकाश ने दिया ।वार्षिक प्रतिवेदन कन्हैया लाल बारले ने प्रस्तुत किया। सम्मान की कड़ी में सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था अगासदिया प्रेमचंद सम्मान 2023 वरिष्ठ साहित्यकार श्री भावसिंह हिरवानी गुरुर को एवं मधुर साहित्य सम्मान 2023 सुश्री राजकुमारी कांगे बघमार को प्रदत्त किया गया। 

तत्पश्चात विचार गोष्ठी का विषय प्रेमचंद के साहित्य का वर्तमान युग में प्रभाव पर दौर समारोह के मुख्य वक्ता डॉ परदेशी राम वर्मा वरिष्ठ साहित्यकार भिलाई ने महान् साहित्यकार प्रेमचंद की चर्चित कहानी 'सुजान भगत' के कथानक का उदाहरण देकर संदेश दिया कि कहानी एवं उपन्यास को किस प्रकार मनोरंजक बनाया जाय एवं समाज में व्याप्त ऊंच-नीच अमीरी-गरीबी , छुआ-छूत अफसरशाही ,अशिक्षा जैसे विषमता की खाई पाटने हेतु मुंशी प्रेमचंद का साहित्य वर्तमान समय में प्रासंगिक है और भविष्य में रहेगा। मुख्य अतिथि राजमाता फूलों देवी कांगे कंगला मांझी धाम बाघमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि आदिवासियों के विकास एवं उनके जीवन को उँचा उठाने में साहित्य बड़ी भूमिका अदा कर सकती है, साहित्यकारों से निवेदन है, जन हित का ध्यान रखते साहित्य सृजन कर महती भूमिका अदा करें। अध्यक्षता कर रहे  बी एल ठाकुर पूर्व आई ए एस ने परिषद के 22वाँ वर्षगांठ पर सम्मानित हुए साहित्यकारों को बधाई देते मधुर साहित्य परिषद् के सभी पदाधिकारियों को अनवरत् 22 वर्षीय कार्यकाल की शुभकामनाएं प्रेषित कर महान साहित्यकारों से प्रेरणा लेकर श्रेष्ठ साहित्य लेखन करने की सलाह की। 

विशेष अतिथि के रुप में गजेंद्र झा ने मुंशी प्रेमचंद को विश्व के महान जनवादी लेखक बताते उनकी कहानियों में नीहित जनवादी सोच पर विस्तृत विचा र दिया। सीताराम साहू श्याम ने मुंशी प्रेमचंद के साहित्य को आदमी को आदमी बनाने की सीख बातया । अन्य विशेष अतिथि कौशल कुमार वर्मा एस डी ओ जल संसाधन, अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम बालोद, केशव राम साहू गुंडरदेही, देव जोशी गुलाब संबलपुर ,डी आर गजेंद्र गुरुर, जयकांत पटेल पारागांव, अमित दुबे दल्ली राजहरा ने भी अपना उद्बोधन दिये।

 आयोजित उक्त कार्यक्रम के दूसरे सत्र में उपस्थित कवियों द्वारा काव्यपाठ किया गया जिसमे बुटुदास पुर्णे, देव नारायण नगरिहा , पुष्कर सिंह राज ,गिरवर दास मानिकपुरी,अजय खैरझीटिया, हर्षा देवाँगन, वीरेन्द्र अजनबी , भरत बुलंदी, गजेन्द्र कुमार साहू, कन्हैया लाल बारले , जयकान्त पटेल ,कामता प्रसाद देशलहरा ,दिनेंद्र दास, अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा, परमानंद शिवना, नोकेश तांडे, आदि ने काव्य पाठ किये । प्रथम सत्र स्वागत सम्मान एवं वक्तव्य का संचालन लालेश्वर अरुणाभ एवम् द्वितीय सत्र कवि सम्मेलन का संचालन भरत बुलंदी ने किया। डॉ.अशोक आकाश द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ सभा समापन की घोषणा की गई।

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