भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में सातवें दिन कृष्ण सुदामा मिलन का प्रसंग सुनाया, कहा- जीवन में एक सच्चा मित्र जरूर बनाएं
भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन बाबा रामदेव मन्दिर, गंजपारा में कथा वाचक आचार्य वीरेन्द्र महाराज साजा वाले ने कृष्ण सुदामा मिलन का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि संसार में सुदामा-कृष्ण के सबसे अनोखे भक्त रहे हैं। वह जीवन में जितने गरीब नजर आए, उतने वे मन से धनवान थे। उन्होंने अपने सुख व दुखों को भगवान की इच्छा पर सौंप दिया था। श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा में छोटे छोटे बच्चों को श्री राधा, कृष्ण, सुदामा, के रूप में सजाया गया, जिसने सभी का दिल जीत लिया.
उन्होंने सुदामा चरित्र का बखान करते हुए कहा कि संसार में मित्रता भगवान श्रीकृष्ण-सुदामा की तरह होनी चाहिए। वर्तमान समय में स्वार्थ के लिए लोग एक-दूसरे के साथ दोस्ती करते हैं, जिसके बाद कार्य निकल जाने पर एक-दूसरे को भूल जाते हैं। इसलिए अपने छोटे से जीवन में प्राणी को परमात्मा से रिश्ता जरूर बनाना चाहिए, क्योंकि परमात्मा से ही बना रिश्ता प्राणी को मोक्ष की तरफ ले जाएगा।
साथ ही उसके जीवन में आने वाले सभी कष्ट भी आसानी से दूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सुदामा ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सखा श्रीकृष्ण का चिंतन और स्मरण नहीं छोड़ा। ऐसे में श्रीकृष्ण की कृपा उनके ऊपर हो गई। वहीं उन्होंने कहा कि एक सच्चा मित्र जरूर बनाना चाहिए जो विपरीत परिस्थितियों में भी साथ दे सके। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता से हर किसी को सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब सुदामा भगवान श्रीकृष्ण से मिलने आए तो उन्होंने सुदामा के फटे कपड़े नहीं देखे। बल्कि मित्र की भावनाओं को देखा। मनुष्य को अपना कर्म नहीं भूलना चाहिए।
प्रेमभाव से किया प्रार्थना व्यर्थ नहीं महाराज ने इन 7 दिनों तक भगवान श्रीकृष्ण के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। ब्राह्मण नियम से पाठ करें तो करोड़ों वर्ष पहले जो मंत्र की ताकत थी वह आज भी दिखाई देगी।
कल दिनाँक 30 जुलाई को प्रातः 10 बजे से हवन, पूजा, पूर्णाहुति, एवं प्रसाद वितरण किया जावेगा..
आज की कथा में यजमान पुरोहित परिवार के सभी सदस्यों के साथ साथ योगेन्द्र शर्मा बंटी, सतबीर शर्मा, विजय गुप्ता, मनोज गुप्ता, राजेश शर्मा, गोपाल शर्मा, राहुल शर्मा, मदन शर्मा, कैलाश पंडा, प्रमोद जोशी, मनीष मिसर, मयंक शर्मा शकुन देवी दुबे, अर्चला शर्मा, अनिता अग्रवाल, सरोज जोशी, सरिता शर्मा, चंचल शर्मा, प्रज्ञा शर्मा, अम्बिका पांडेय, प्रभा दुबे, कविता जोशी, प्रतिभा गुप्ता, दीपक टावरी, दिलीप भूतड़ा, राजू टावरी, एवं सैकड़ो धर्मप्रेमी उपस्थित हुए..