मिडिल स्कूल खुशरूपली में प्रकृति के बीच मनाया गया गुरुपूर्णिमा का पर्व

मिडिल स्कूल खुशरूपली में प्रकृति के बीच मनाया गया गुरुपूर्णिमा का पर्व

मिडिल स्कूल खुशरूपली में प्रकृति के बीच मनाया गया गुरुपूर्णिमा का पर्व

मिडिल स्कूल खुशरूपली में प्रकृति के बीच मनाया गया गुरुपूर्णिमा का पर्व


वनांचल में बसे गांव खुसरूपाली चंडी संकुल नवाडीह खुर्द में प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय के सयुक्त तत्वधान में गुरु पूर्णिमा का पर्व वन आच्छादित प्राकृतिक वातावरण में मनाया गया। उपरोक्त कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों ने बच्चो को गुरु की महत्ता के बारे में जानकारी दी और बच्चो को आशीर्वाद दिया। अपने उद्बोधन में शाला की शिक्षिका श्रीमती उषा चंद्राकर द्वारा गुरु शिष्य परंपरा पर प्रकाश डाला गया। साथ ही गुरुओं को दी जाने वाली सही गुरुदक्षिणा पर जोर देते हुए बताया गया कि अगर आप गुरु द्वारा बताए ज्ञान को जीवन मे आत्मसात करे और जीवन में सफल नागरिक बनते है तो ये हम गुरुजानो के लिए सबसे बड़ी गुरु दक्षिणा है। विष्णु बंजारे सर द्वारा गुरु कुम्हार शिष्य कुंभ है दोहे का सर्गभित व्याख्या किया गया। तृतीय क्रम शिक्षक धीरज तिवारी ने कहा माता पिता ही हमारे प्रथम गुरु है जो हमेशा हमे सही रास्ता दिखाते है अतः माता पिता का सम्मान अपने जीवन मे हमेशा बनाये रखे। उनके महत्व को कम न होने दे। श्रीमति भामा दीवान द्वारा सुबह सबेरे लेकर तेरा नाम प्रभु समूह गान कराया गया। जिससे बच्चे बहुत आनंदित हुए। अंत मे स्कूल के प्रधानपाठक प्रेमचंद डड़सेना आज के व्यास पूर्णिमा पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि आज ही वे दिन वेद व्यास जी ने महाभारत और उपनिषदों की रजत की थी साथ मानस के विभिन्न दोहो चुपाइयो का उदाहरण देते हुए सफल संचन किया गया। कार्यक्रम में प्राथमिक के प्रधान पाठक  जीनाथ बरिहा सर ने अपनी गरिमा मयी उपस्थिति प्रदान की। कार्यक्रम में स्वयंसेवी शिक्षिका सुश्री सिद्धेश्वरी यादव ने अभी अपने विचार रखे। अंत मे सभी बच्चो ने शिक्षकों का आशीर्वाद प्राप्त किया।



हेमसागर यादव जी की ख़बर

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