डीएव्ही के बच्चों ने गेड़ी चढ़कर मनाई हरेली।

डीएव्ही के बच्चों ने गेड़ी चढ़कर मनाई हरेली।

डीएव्ही के बच्चों ने गेड़ी चढ़कर  मनाई हरेली।

डीएव्ही के बच्चों ने गेड़ी चढ़कर  मनाई हरेली।

दल्लीराजहरा: डीएव्ही के नन्हें मुन्हें बच्चों ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार हरेली गेड़ी चढ़कर एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर हर्सोल्लास के साथ मनाई ।

डीएव्ही विद्यालय के कक्षा पहली से लेकर बारहवीं तक के सभी बच्चों ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार मनाते हुए सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ का राज्यगीत अरपा पैरी के धार..... का सामूहिक रूप से अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर गायन किया । पश्चात् सिलसिला प्रारंभ हुआ लोकगीत, लोकनृत्य एवं लोकसंस्कृति की छटा बिखेरने का। नन्हें मुन्हें बच्चों ने नयनाभिराम नृत्य कर सबका मन मोह लिया । वहीं सीनियर बच्चों के द्वारा भी छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें छत्तीगसढ़ की माटी की महक समाई हुई थी । 

फिर बारी थी जूनियर एवं सीनियर बच्चों के द्वारा प्रस्तुत छत्तीगढ़ी भाषा में प्रस्तुत नाटक प्रस्तुति का। जूनियर छात्र-छात्राओं के द्वारा प्रस्तुत नाटक का शीर्षक था • हरेली व वनमहोत्सव एवं सीनियर बच्चों की प्रस्तुति थी 'हरेली का त्यौहार जो कि हास्य से भरपूर हरेली त्यौहार के महत्व को बताने वाला था । इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती अल्का शर्मा ने बच्चों को अपने संक्षिप्त एवं सारगर्भित उद्बोधन में संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमें अपने जड़ से जुड़े रहना है तो हमें अपनी परंपराओं को जिंदा रखना होगा । हरेली के इस पावन अवसर पर डीएवी प्राचार्य अलका शर्मा ने पोधा रोपण किया

हरेली हमारे प्रदेश छत्तीगसढ़ का एक प्रमुख पारंपरिक त्यौहार है, जिसे प्रतिवर्ष जरूर मनाना चाहिए । इस त्यौहार में हम कृषि कार्य में प्रयोग में लाए जाने वाले औजारों एवं मवेशियों की पूजा-अर्चना कर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रगट करते हैं। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका श्रीमती वर्षा नशीने एवं श्रीमती कविता एस. कुमार के द्वारा किया गया । इस अवसर पर सभी शिक्षकगण एवं बच्चों की उपस्थिति रही ।

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