कमीशनखोरी का अड्डा बन गया है दुर्ग नगर निगम : डॉ. प्रतीक उमरे,पूर्व एल्डरमैन की शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान

कमीशनखोरी का अड्डा बन गया है दुर्ग नगर निगम : डॉ. प्रतीक उमरे,पूर्व एल्डरमैन की शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान

कमीशनखोरी का अड्डा बन गया है दुर्ग नगर निगम : डॉ. प्रतीक उमरे,पूर्व एल्डरमैन की शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान

कमीशनखोरी का अड्डा बन गया है दुर्ग नगर निगम : डॉ. प्रतीक उमरे,पूर्व एल्डरमैन की शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया संज्ञान


दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने प्रधानमंत्री कार्यालय से दुर्ग नगर निगम में चल रही कमीशनखोरी पर कार्यवाही की मांग किया है।जिसपर प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए इस विषय पर आगामी कार्यवाही बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव मुकुल दीक्षित को अग्रेषित किया है।पूर्व एल्डरमैन ने बताया कि महापौर द्वारा दुर्ग नगर निगम की पेयजल सप्लाई व्यवस्था को लक्ष्मी इंजीनियरिंग को देना संदेहास्पद है।दुर्ग नगर निगम कमीशनखोरी का अड्डा बन गया है।दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में तीन फ़िल्टर प्लांट से पेयजल सप्लाई होती है।जिसका संचालन लक्ष्मी इंजीनियरिंग नामक उसी कंपनी को दिया गया है जिसपर अमृत मिशन में लेटलतीफी एवं गड़बड़ी के आरोप हैं।इनके द्वारा दुर्ग निगम के नलघर में बनाई गई 1800 किलोलीटर क्षमता वाली पानी टंकी में ट्रायल के दौरान ही लीकेज देखने को मिला था।लोक निर्माण विभाग ने नौ करोड़ 34 लाख रुपये की लागत से राजेंद्र चौक से शहीद चौक तक डामरीकरण किया गया था जिसको इसी कंपनी द्वारा अमृत मिशन की आड़ में हफ्ते भर में ही खोद कर सड़क डामरीकरण की दुर्गति कर दी गई थी।पाइपलाइन से सबंधित कार्य होने का हवाला देते हुए कंपनी ने सड़क की खोदाई की थी।

नोटिस भी जारी किया गया था

दुर्ग नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर हरेश मंडावी ने अमृत मिशन के अंतर्गत कसारीडीह वार्ड 41 और पद्मनाभपुर वार्ड 46 जनता मार्केट के पास चल रहे रोड रेस्टोरेशन कार्य के निरीक्षण दौरान कसारीडीह में इस कंपनी द्वारा रोड रेस्टोरेशन का कार्य मानकों के अनुरूप नही किया गया था।एजेंसी को मापदंड के अनुसार 10 इंच की ढलाई करना था लेकिन जांच में 8 इंच की ढलाई पाई गई थी तब कमिश्नर ने लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी और सब इंजीनियर को कड़ी फटकार लगाई थी तथा यहां रेस्टोरेशन के तहत किये गये कार्य को उखाड़ कर मानक के अनुसार नए सिरे से कार्य करने के निर्देश दिये थे।लापरवाही पूर्वक कार्य करने के कारण कमिश्नर के निर्देश पर एजेंसी और सब इंजीनियर को नोटिस जारी किया गया था।अमृत मिशन के अंतर्गत नई पाइप लाइन से नल कनेक्शन प्रदान करने,पुरानी पाइप लाइन से नई लाइन में नल कनेक्शन शिफ्ट करने का कार्य भी इसी एजेंसी को करना था।जिसमें भी कार्यों को लेकर कई शिकायतें सामने आती रही हैं।कई स्थानों पर पाइप लाइन बिछाकर अधूरा छोड़ देने,नल कनेक्शन की शिफ्टिंग समय पर नहीं करने,कई क्षेत्रों में नया नल कनेक्शन प्रदान नहीं करने सहित अन्य शिकायतें शामिल है।पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने बताया कि दुर्ग निगम क्षेत्र के 60 वार्डों में व्यवस्थित तरीके से पेयजल आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार द्वारा अमृत मिशन योजना के तहत दुर्ग निगम को 153 करोड़ रुपये दिया गया था।अमृत मिशन योजना का पैसा सरकार ने 2 मई 2017 को ही भेज दिया था।तब से लेकर अब तक इन पांच सालों में करीब 20 करोड़ से ऊपर ब्याज के हुए हैं।लेकिन उस पैसे का क्या हुआ यह भी स्पष्ट नहीं है।योजना के क्रियान्वयन में बड़ी लापरवाही बरती गई उसके बावजूद गड़बड़ी करने वाली कंपनी को कमीशनखोरी कर दुर्ग नगर निगम द्वारा पानी सप्लाई का संचालन सौंपना दुर्भाग्यपूर्ण है।इसकी जांच कर तत्काल कार्यवाही करने की मांग पूर्व एल्डरमैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय से किया है।


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