ताड़ोकी क्षेत्र वासियों में रेल ट्रायल के बाद खुशी की लहर; दल्ली राजहरा-रावघाट में अब दल्ली राजहरा के अंतागढ़ तक दौड़ रही ट्रेन

ताड़ोकी क्षेत्र वासियों में रेल ट्रायल के बाद खुशी की लहर; दल्ली राजहरा-रावघाट में अब दल्ली राजहरा के अंतागढ़ तक दौड़ रही ट्रेन

ताड़ोकी क्षेत्र वासियों में रेल ट्रायल के बाद खुशी की लहर;  दल्ली राजहरा-रावघाट में अब दल्ली राजहरा के अंतागढ़ तक दौड़ रही ट्रेन

ताड़ोकी क्षेत्र वासियों में रेल ट्रायल के बाद खुशी की लहर;  दल्ली राजहरा रावघाट में अब दल्ली राजहरा के अंतागढ़ तक दौड़ रही ट्रेन


डौंडी : एक तरफ जहां पूरा देश चंद्रयान के चांद में लैंडिंग होने से ख़ुशी मना रहा है वहीं दोहरी खुशी पूरा ताड़ोकी क्षेत्र वासी मना रहे है जिसका प्रमुख कारण धुर नक्सल क्षेत्र में रेल की आवाज गूंजने से हुई।वर्षो से रेल में बैठने का सपना संजोय धुर नक्सल क्षेत्र के ग्रामीणों का सपना आज रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर के मुहर के बाद पूरी हो गई।

ताड़ोकी क्षेत्र वासी आज रेल ट्रायल के बाद खुशी मना रहे है बता दें कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर रेल मंडल के तहत महत्वपूर्ण परियोजना दल्ली राजहरा-रावघाट में अब दल्ली राजहरा के आगे अंतागढ़ तक ट्रेन दौड़ रही है, इससे स्थानीय लोगों को लाभ मिल रहा है. इसी कड़ी में रावघाट परियोजना के तहत रेललाइन के विस्तार का काम अंतागढ़-तारोकी खंड में करीब 17.50 किलोमीटर पूरा हो चुका है, यह परियोजना आर्थिक व क्षेत्रीय विकास के दृष्टिकोण से बहुत ही अहम है और इसी ट्रैक में स्पीड ट्रायल रन के लिए अधिकारियों की टीम पहुंची है.

दल्लीराजहरा से गुदुम

भानुप्रतापपुर,केवटी,अंतागढ़,के बाद अब तड़ोकी तक के रेल मार्ग निर्माण में कई कंपनी ने कार्य किए कुछ नक्सली डर से भाग भी खड़े हुए परंतु इन सब के बावजूद दल्लीराजहरा निवासी भिलाई की कंपनी के आर इंफ्रास्ट्रक्चर जिसके ओनर राणा अरूण सिंह, पुत्र राणा विक्रांत सिंह और बड़े भाई राणा प्रेम सिंह पुत्र राणा हर्षवर्धन सिंह की कुशल नेतृृत्व में इस मिल के पत्थर ताडी की स्टेशन तक कार्य पूरा कर दिखाया। राणा अरूण सिंह एक समय थककर काम छोड़ने का निर्णय ले लिये थे। बड़े भाई ने साथ देते कर्तव्य निभाया और हिम्मत दिलाया कि हम लोग छत्रीय हैं पीठ नहीं दिखाते हैं और भाई के साथ जो की स्वयं भी कार्य में भिड़ गए और जब तक तड़ोकी स्टेशन तक कार्य पूरा नहीं हुआ बिना रुके कार्य पूरा कराया।

यहां नजारा जिला मुख्यालय से 100 किमी दूर नक्सल प्रभावित ताड़ोकी का है, जहां बीएसपी, केंद्र व राज्य शासन के लिए महत्वपूर्ण दल्लीराजहरा-रावघाट- जगदलपुर परियोजना के तहत रेलवे स्टेशन तैयार हो चुका है, पटरी बिछ चुकी है, अब इंतजार ट्रेन चलने का है। तीन माह के अंदर यहां यात्रियों से भरी ट्रेन चल सकती है। आज कोलकाता से कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ए एम चौधरी की टीम ट्रायल व निरीक्षण किए।अधिकारी अपने स्तर पर जरूरी कार्यों को परखने के बाद प्रमुख बिंदुओं को। रेल विकास निगम लिमिटेड व रेलवे विभाग के अफसरों से चर्चा करेंगे। जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर बिलासपुर जोन, रेल मंत्रालय नई दिल्ली भेजी जाएगी। सब कुछ सही होने पर नई दिल्ली से ट्रेन के विस्तार के लिए निर्धारित तिथि तय की जाएगी। दूरी के हिसाब से किराया भी तय किया जाएगा।

पहले चरण में दल्ली से रावघाट

रेल परियोजना के पहले चरण के तहत दल्ली राजहरा से रावघाट तक 95 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है. अंतागढ़ तक 59 किलोमीटर लंबे मार्ग पर एक यात्री ट्रेन सेवा शुरू हो चुकी है. अब अंतागढ़ से केवटी 17.50 किलोमीटर का काम पूरा किया गया है.रायपुर से ताड़ोकी तक 175 किमी का सफर ट्रेन में आप 120 रु. में कर सकेंगे। वर्तमान में बस में सफर करने के लिए लगभग 150 रुपए खर्च करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों के 100 रुपए बचेंगे। ताड़ोकी में जहां रेलवे स्टेशन बना है, पटरी बिछी है, वहां पहले जंगलों के बीच नक्सलियों का खौफ रहता था। वर्तमान में विकास नजर आ रहा है। यहां बंदूक के गोलियों की नहीं बल्कि आने वाले दिनों में ट्रेन की आवाज सुनाई देगी। नक्सल प्रभावित ताड़ोकी में रेलवे स्टेशन तैयार हो चुका है।रेलवे विभाग के अनुसार जगदलपुर और रावघाट के बीच पल्ली गांव, कुड़कानार, बस्तर, सोनारपाल, भानपुरी, दहीकोंगा, बनियागांव, कोंडागांव, जुगानी, चांदगांव, नारायणपुर और भारंडा में स्टेशन बनाने की प्लानिंग है। भानुप्रतापपुर तक ट्रेन का विस्तार होने के बाद से ही जगदलपुर रावघाट रेल परियोजना से बालोद व कांकेर जिला जुड़ चुका है। कुछ साल में बस्तर जगदलपुर, कोंडागांव, नारायणपुर जुड़ जाएंगे।

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