सिलिका रिडक्शन प्लांट के ठेका श्रमिकों को महीनों से नहीं मिल रहा वेतन, तत्काल भुगतान करें बीएसपी प्रबंधन, सांसद प्रतिनिधि
सांसद प्रतिनिधि मुश्ताक अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि दल्ली यंत्रीकृत खदान में बीएसबीके कंपनी द्वारा संचालित सिलिका रिडक्शन प्लांट (SRP) का ठेका कार्य चालू है।यह कार्य 08-03-2021 को प्रारंभ किया गया था जोकि अभी तक संपन्न नहीं हुआ है।और ईस कार्य को समाप्त करने की अंतिम समय-सीमा प्रबंधन द्वारा ठेकेदार को 31-07-2023 तक का मोहलत दिया गया है। ईस कार्य में ठेकेदार को 02 बार अतिरिक्त समय-सीमा प्रबंधन द्वारा दिया गया है इसके लिए प्रबंधन ने ठेकेदार का नियम अनूरूप पेनेल्टी काटा है कि नहीं इसकी जानकारी प्रबंधन द्वारा नहीं दी गई है। प्रबंधन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस ठेका कार्य में 214 ठेका श्रमिक कार्यरत हैं। जिनकी जानकारी प्रबंधन के पास उपलब्ध है । ईसी ठेके में स्लाईम बेनिफिसियेशन प्लांट (SBU) के ठेका श्रमिकों को भी कार्य कराया जा रहा है क्योंकि SBU प्लांट महीनों से बंद पडा है। ऐसी जानकारी मिली है कि इस ठेका में कार्यरत श्रमिकों का लगातार शोषण हो रहा है इस ठेके में सुरक्षा के मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। साथ ईस ठेके में स्थानीय लोगों को रोजगार न देकर आजतक बाहरी राज्यों से श्रमिकों को लाकर कार्य कराया जा रहा है।जोकि प्रबंधन द्वारा स्थानीय लोगों के साथ धोखा है। राजहरा और आसपास के ग्रामीणों को रोजगार न देकर अन्य राज्यों के श्रमिकों को ईस ठेके में रोजगार देना बहुत ही शर्मनाक है। सेल जैसी कंपनी में सभी के लिए एक कार्य के लिए एक नियम होना चाहिए मगर ठीक ईसके विपरीत बीएसबीके कंपनी को ईस राजहरा खदान समूह में विशेष दर्जा प्राप्त है अन्य राज्यों के श्रमिकों का कोई स्पष्ट डाटा प्रबंधन के पास नहीं है कौन श्रमिक कितने दिन कार्य करता है फिर उसकी जगह दूसरा कार्य पर आ जाता है इसकी स्पष्ट जानकारी प्रबंधन के पास भी उपलब्ध नहीं है और तो और बीएसबीके कंपनी द्वारा ठेका श्रमिकों का 03 माह से वेतन नहीं दिया गया है और प्रबंधन के अधिकारी मौन धारण किये हुए हैं।कोई सुध लेने को तैयार नहीं है कि ठेका श्रमिकों को समय पर वेतन मिलता है कि नहीं, सीपीएफ जमा हो रहा है कि नहीं, खदान भत्ता मिलता है कि नहीं, ओवरटाइम का भुगतान नियम से हो रहा है कि नहीं, सुरक्षा समाग्री दिया जा रहा है कि नहीं,बोनस की राशि, छुट्टी का पैसा मिल रहा है कि नहीं कोई देखने को तैयार नहीं है और यही अगर कोई छोटा ठेकेदार होतो प्रबंधन पूरी फुर्ती और तत्परता से कार्य में लग जाता है उसे ठेके नियम शर्तों का हवाला दिया जाता है और कड़ी कार्यवाही करने की बात कही जाती है और समय पर वेतन भुगतान नहीं करने पर तत्काल विभागीय भुगतान कर सीधे श्रमिकों के खाते में पैसा डाला जाता है। सांसद प्रतिनिधि ने इस बात को प्रमुखता से उठाया कि सारा नियम कानून बीएसबीके पर लागू क्यों नहीं किया जा रहा है कहा चली गई प्रबंधन की फुर्ती, ऐसा लगता है कि बीएसबीके कंपनी को प्रबंधन द्वारा विशेष ठेकेदार का दर्जा दिया गया है जिसके ऊपर बीएसपी प्रबंधन के नियम कानून लागू नहीं होते हैं। सांसद प्रतिनिधि ने बताया कि ऐसा लगता है कि प्रबंधन के कुछ अधिकारी बीएसबीके कंपनी के ऊपर किसी तरह की कार्यवाही नहीं करना चाहते हैं जिसका परिणाम सबके सामने है कि 20 माह में समाप्त होने वाला कार्य आज 29 माह बीतने पर भी पूरा नहीं हो पाया है और प्रबंधन के अधिकारी बीएसबीके कंपनी के ऊपर किसी तरह की भी ठेका शर्तों के अनूरूप कार्यवाही करने में अक्षम हैं।
आज तीन माह से बीएसबीके कंपनी द्वारा श्रमिकों का वेतन भुगतान नहीं किया गया है और ऐसी जानकारी भी मिली है कि जो ठेका श्रमिक वेतन मांगता है उसे कार्य से निकाल दिया जाता है इसलिए हर बार नये ठेका श्रमिकों का गेटपास बनाया जाता है ऐसी जानकारी भी मिली है कि इस ठेके में कार्यरत श्रमिकों को किसी भी प्रकार का एलाउंस नहीं दिया जा रहा है,न बोनस,न छुट्टी का पैसा,न खदान भत्ता,नाईट एलाउंस,पीफ की भी स्पष्ट जानकारी नहीं है किंतु ईसके बाद भी बीएसबीके कंपनी को पेमेंट के लिए प्रबंधन द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है जोकि जांच का विषय है।
सांसद प्रतिनिधि मुश्ताक अहमद ने कहा कि तत्काल ठेका श्रमिकों का वेतन भुगतान करें,अगर ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है तो अन्य ठेकों की तरह बीएसपी प्रबंधन ठेका श्रमिकों का विभागीय वेतन भुगतान करें। अन्यथा ईस पर कड़ी कार्यवाही की जावेगी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी बीएसपी प्रबंधन की होगी।