तिल्दा नेवरा। अडानी पॉवर प्लांट से कुम्हारी जलाशय तक पाइप लाइन से पानी लाने कार्य प्रगति पर,कुछ व्यवधान के बाद पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा ने कार्यस्थल पहुंचकर ग्रामीणों से की चर्चा।
अदानी पावर प्लांट से कुम्हारी जलाशय तक पाइपलाइन के माध्यम से पानी लाने वाले कार्य की प्रगति की जानकारी लेने पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा कार्य स्थल पर प्रगति की जानकारी लेने पहुंची, उनके साथ भटभेरा समिति अध्यक्ष संतोष चंद्राकर, हरीश वर्मा और वामन टिकरिहा भी उनके साथ गए थे, परंतु वहां पर जाने से पता चला की कुछ व्यवधान के कारण पाइप डालने का कार्य रुक गया है।
बता दे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद 45 गांवों के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने संबंधी संवेदनशील मामले में आए व्यवधान पर पूर्व राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने काम करने वाले एजेंसी के सुपरवाइजर तथा भरवाडीह के ग्रामीण और मोहरेंगा के पंचायत प्रतिनिधियों से निर्माण कार्य रुकने की जानकारी ली।
परियोजना के ठेकेदार विनय जोसेफ के सुपरवाइजर लेमेंद्र पटेल ने बताया कि योजना में कुल साढ़े 4 किलोमीटर तक पाइपलाइन बिछाना है परंतु अभी केवल 800 मीटर पाइप ही डल पाया है और मोहरेंगा के सरपंच सरजू प्रसाद साहू ने ग्रामीण सहित अपने गांव में भी पानी देने की मांग को लेकर बीते 6 सितंबर से काम को रुकवा दिया है।पूर्व राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने इस पर मोहरेंंगा सरपंच सहित ग्रामीणों से चर्चा करते हुए उन्हें समझाया कि उनकी मांग भी उचित है परंतु हर समस्या का समाधान आपस में बातचीत से ही हो पाता है, काम रोकना इस समस्या का हल नहीं है।
वहीं ग्राम मोहरेंंगा पंचायत के सरपंच सरजू प्रसाद साहू, उपसरपंच लक्ष्मण त्रिपाठी सहित वहां के ग्रामीणो ने बताया कि यह असिंचित क्षेत्र है और हमारे गांव से होकर पाइपलाइन जा रहा है तो निश्चित रूप से हमें भी पानी की आवश्यकता है, पूर्व में जब जीएमआर का पाइपलाइन गया तो हमें व ग्रामीणों को जानकारी नहीं हुई । इस बार हमें भी अपने गांव के लिए एक कुलापा तो चाहिए ही।
इरिगेशन (जल संसाधन) विभाग के एसडीओ संदीप धवन ने बताया कि मोहरेंगा सरपंच द्वारा काम रोके जाने की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है, उन्होने बताया कि इस बीच हमारे द्वारा ग्रामीणों के साथ तीन बार बैठक किया जा चुका है। पंचायत के आश्रित ग्राम खौली डबरी में वाल्व लगाकर पानी दिया जाएगा, मोहरेगा में पानी देने में परेशानी नहीं थी, परंतु गांव पीछे है और टेंडर के एस्टीमेट में शामिल नहीं है। वही पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा ने कार्य स्थल का जायजा लेकर ग्रामीणों से विस्तृत चर्चा की।