CG विधानसभा चुनाव सरायपाली: कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक और जीत के पक्ष में बनता समीकरण,गोविंद चौहान प्रबल दावेदार

CG विधानसभा चुनाव सरायपाली: कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक और जीत के पक्ष में बनता समीकरण,गोविंद चौहान प्रबल दावेदार

CG विधानसभा चुनाव सरायपाली: कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक और जीत के पक्ष में बनता समीकरण,गोविंद चौहान प्रबल दावेदार

CG विधानसभा चुनाव सरायपाली: कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक और जीत के पक्ष में बनता समीकरण,गोविंद चौहान प्रबल दावेदार 


सरायपाली। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहा है वैसे ही प्रदेश की दोनों बड़ी पार्टी भाजपा और कांग्रेस में प्रतिदिन समीकरण बदलते जा रहे हैं। हमारा टीम जब सरायपाली विधानसभा जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है , उसकी नब्ज टटोलने निकली तो वहां के वर्तमान विधायक कांग्रेस के किस्मत लाल नंद के कामकाज से जनता असंतुष्ट दिखाई दी। वही कांग्रेस में गाडा समाज के एक होनहार उम्मीदवार के रूप में डॉक्टर गोविंद चंद्र चौहान का नाम बड़ी मजबूती से उभर कर सामने आया है।

50000 से ज्यादा गाडा समाज के मतदाताओं के बल पर यह नाम कांग्रेस के लिए जीत के गारंटी हो सकता है। क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार श्याम तांडी कुछ दिनों पूर्व ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद बस्तर दीपक बैज के समक्ष कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है और भाजपा को अलविदा कह दिया। यह सरायपाली विधानसभा के लिए भाजपा को सबसे बड़ा झटका था। और श्याम तांडी का कांग्रेस में प्रवेश सरायपाली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा से सिर्फ एक दिन पहले हुआ। ये सरायपाली विधानसभा में कांग्रेस का एक मास्टर स्ट्रोक कहा जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह है की डॉक्टर गोविंद चंद्र चौहान अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट के लिए कांग्रेस के सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बन गये है।

गाडा समाज से आने के बावजूद बहुत पढ़े लिखे और सुलझे व्यक्तित्व के मालिक के रूप में डा चौहान की ये छवि कांग्रेस के लिए जीत की एक गारंटी हैं क्योंकि वर्तमान विधायक किस्मत लाल नंद के कामकाज से आम जनता कहीं भी खुश नहीं है और वो अपने क्षेत्र में बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं दिखाई दे रहे हैं। किसी भी प्रत्याशी के लिए जमीन से जुड़ा होना बहुत मायने रखता है और सरायपाली विधानसभा के लिए डॉक्टर गोविंद चंद्र चौहान एक ऐसा ही नाम है। कांग्रेस और मुख्यमंत्री बघेल किसी भी परिस्थिति में इस सीट को नहीं खोना चाहेंगे जब बहुत बड़े मतदाता संख्या वाले गाडा समाज का ही भाजपा का पूर्व प्रत्याशी कांग्रेस में शामिल हो गया है।

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