प्रति गाय तीस रू गौपालन निधि प्रदान करे राज्य सरकार: संत रामबालकदास जी

प्रति गाय तीस रू गौपालन निधि प्रदान करे राज्य सरकार: संत रामबालकदास जी

प्रति गाय तीस रू गौपालन निधि प्रदान करे राज्य सरकार: संत रामबालकदास जी

प्रति गाय तीस रू गौपालन निधि प्रदान करे राज्य सरकार: संत रामबालकदास जी


गौमाता का संरक्षण तथा संवर्धन हम सब की जिम्मेदारी है। छ ग राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाते हुये प्रति गौवंश तीस रू गोपालन निथि के रूप में प्रदान करे। सरकार यदि यह योजना अमल में लाती है तो गौ संवर्धन के लिये यह भागीरथी प्रयास होगा। नगर में सिंघानिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के कथा मंच से संत रामबालकदास जी ने यह बातें कही।
       
पितृ मोक्षार्थ आयोजित कथा मंच से बाबा जी ने कहा कि आप सभी ने इस आयोजन के माध्यम से ज्ञान, भक्ति, मुक्ति के साथ गौ भक्ति का सूत्र भी प्राप्त किया होगा। हमारे जिन पितरों ने गायों के साथ जीवन जीया उनके सम्मान में घर में एक गाय पालने का संकल्प लें। केवल शारीरिक संबंधी ही हमारे पितर नहीं हैं बल्कि जो पुरातन हैं वे भी पितर हैं। श्रीमद्भागवत कहती है कि सद्शास्त्र, सद्ग्रंथ, संत, ऋषि, मुनि, गौ, पुरातन संस्कृति भी हमारे पूर्वज हैं जिनकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। संत श्री ने कहा कि गायों की दुर्दशा देखकर मन दुखी है। गौवंश की संख्या लगातार घटती जा रही है कोरोना काल के बाद से अब तक छग में तीन से चार लाख गौवंश घटे हैं जो अत्यंत चिंतनीय है। जो शेष हैं उनमें से अधिकांश का जीवन उपेक्षित है। गौ का अत्यंत महत्व होने के बाद भी इसके प्रति उपेक्षा का भाव है। ऐसी ही स्थिति बनी रही तो भविष्य में यज्ञ, हवन, अनुष्ठान, पूजा कैसे कर पायेंगे। गौरी गणेश कैसे बना पायेंगे। पंचगव्य के बिना पवित्र कैसे होंगे। गोवर्धन पूजा के दिन गौवंश कहाॅ खोजेंगे। गायों के कारण ही जिन श्री कृष्ण का नाम गोपाल, गोविंद पड़ा उन गायों की दुर्दशा देखकर मन व्यथित है। बाबा जी ने कहा सनातन की सारे संस्कार तथा संस्कृतियाॅ गायों से जुड़ी हुयी हैं। आज हम जिन गणेश जी को पूज रहे हैं उनका निर्माण माता पार्वती ने गोबर से ही किया था। अपनी संतानों को गायों से जोड़ो वरना जब हम पितर बन जायेंगे तब ये संतानें अपने पितरों को भूल जायेंगी। बाबाजी ने कहा माता - पिता अपनी संतानों को हमेशा खुश देखना चाहते हैं। देवलोक गमन के बाद भी वे पितृ देवता के रूप में संतानों को सुखी देखना चाहते हैं। हमारा भी कर्तव्य है कि हम अपने पितरों को सम्मान दें। मोक्ष के लिये गया के साथ गाय से जुड़ना जरूरी है।
       
बाबाजी ने कहा सरकारें बनती बिगड़ती रहेंगी लेकिन गौमाता का संरक्षण जरूरी है। सरकारें वोटरों के लिये लोक लुभावन योजनायें लाती हैं गौमाता के संवर्धन के लिये भी छ ग सरकार गौशालाओं के अलावा घर में पाली जाने वाली प्रति गौ माता को तीस रू गौपालन निधि देने का निर्णय ले। दिल्ली में नया लोकसभा भवन बन गया अंग्रेजों के बनाये अनेक काले कानून समाप्त करने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन वर्षों की मांग आंदोलन के बाद भी पूरे देश में गौ हत्या बदस्तूर जारी है। गौहत्या निषेध कानून बनाने की दिशा में एक महिने बाद संत समाज द्वारा महाभियान चलाया जायेगा। संत श्रीदत्त शरणानंद जी महाराज के साथ देश का संपूर्ण संत समाज दिल्ली में एकत्र होगा। सरकार को अल्टीमेटम दिया जायेगा पश्चात् आगे की रणनीति तय की जायेगी। कथा मंच पर बाबाजी ने व्यासरूप पं ओमप्रकाश जोशी का तथा सिंघानिया परिवार के प्रेम सिंघानिया, अनिल सिंघानिया, मुकेश सिंघानिया, सुभाष सिंघानिया, पुरूषोत्तम सिंघानिया आदि ने बाबाजी का पुष्पहार से स्वागत किया।

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