मधु कलश साहित्य परिषद को श्रृंगी खरोरा द्वारा सरस पावस काव्य गोष्ठी का आयोजन

मधु कलश साहित्य परिषद को श्रृंगी खरोरा द्वारा सरस पावस काव्य गोष्ठी का आयोजन

मधु कलश साहित्य परिषद को श्रृंगी खरोरा द्वारा सरस पावस काव्य गोष्ठी का आयोजन

मधु कलश साहित्य परिषद को श्रृंगी खरोरा द्वारा सरस पावस काव्य गोष्ठी का आयोजन


खरोरा: दिनांक 24सितंबर को मधु कलश साहित्य परिषद के तत्वावधान में पावन धरा ग्राम चकवे में सरस पावस काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ।
          
इस पावस काव्य गोष्ठी में प्रदेश के नामचीन साहित्यकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कौशल महंत कौशल संस्थापक अध्यक्ष कला कौशल साहित्य संगम एवं शुभदा प्रकाशन के प्रकाशक संस्थापक थे।सभाध्यक्ष श्रीमती राधिका वर्मा प्रधान पाठक पूर्व मां.शा. शाला कन्या नेवरा तिल्दा पूर्व मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज, वरिष्ठ साहित्यकार, एवं विशिष्ट अतिथि गण माननीय कृष्ण मुरारी वर्मा त्रिभाषी साहित्यकार, संकल्प साहित्य परिषद अध्यक्ष तिल्दा,माननीय दिलीप टिकरिया ग्राम पिरदा जिला बेमेतरा लोक गायक मोर गँवई गंगा, मा. कुमार कार्निक कुमार ग्रामीण किसी विस्तार अधिकारी छाल जिला रायगढ़ विभिन्न छंद विधा के साहित्यकार, सुश्री जागृति बाघमार ग्राम तुलसी तिल्दा जिला रायपुर की गरिमा में उपस्थिति रही।
           
कार्यक्रम की शुरुआत ही संस्कृतिमय थी धार्मिक प्रवृत्ति के कवि जितेंद्र निर्मलकर के नेतृत्व में अतिथियों का प्रवेश थाल में आरती सजाकर, टीका लगाकर एवं जल से चरण पखार कर किया गया।
 
अतिथियों का स्वागत मधु कलश साहित्य परिषद के सदस्यों द्वारा शाल श्रीफल एवं पुष्प कुछ प्रदान कर किया गया।
        

सभी काव्य मनुष्यों ने सरस काव्य पाठ किया मंच संचालक जोगेश चंद्र दास ने प्रथम काव्य पाठ हेतु अवसर सबसे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ नारायण प्रसाद वर्मा रामायण के टीकाकार ,धार्मिक व्यक्तित्व को दिया  "आज हमर देश ल वो जवान की जरूरत हे" प्रस्तुत किया। सभी कवियों ने देशभक्ति जीवन दर्शन बेटी मां मानवता आदि विभिन्न विषयों पर काव्य रस बरसाते रहे। 1:00 बजे से शुरुआत होकर कार्यक्रम 7:00 बजे तक अनवरत चलता रहा।
मुख्य अतिथि की आसंदी से कौशल महंत कौशल ने "कौन कहता है बेटियांँ पिछड़ रही है" वहीं सभाध्यक्ष श्रीमती राधिका वर्मा ने "छत्तीसगढ़ के लालना", श्री कृष्ण मुरारी वर्मा अपने अंदाज में त्रिभाषी कविता प्रस्तुत की, दिलीप टिकरिहा छत्तीसगढ़िया लोक गायक राजगीत "अरपा पैरी के धार", "संगवारी गँवई गांँव के गवैहा अँव रे", "चटनी बासी के खवैया अँव रे" आदि गीतों से दर्शक कवियों को मुग्ध कर दिया। बेटी दिवस पर  कुमार कर्निक कुमार की "बेटियांँ घर में खुशियों की झूमती एक फुलवारी है" कविता ने खूब तालियांँ बटोरी। सुश्री जागृति वर्मा ने "वो मेरे प्यार चांद" का सरस काव्य पाठ किया।
           
अन्य सभी कविगण काव्य रस में विभोर हो काव्य पाठ करते रहे श्री रोशन लाल देवांगन नवापारा, गोपाल वर्मा एवं उत्तम वर्मा अमेरी, कोसरंगी से कुमारी रेणुका साहू चंद्रहास सेन, सुखीराम साहू,अशोक कुमार दास, श्रीमती यशोदा साहू, चकवे से उत्तम सोनिक मनीराम ईश्वर जोशी, मनीराम तुरकाने परसदा, तिल्दा-नेवरा से मोहनलाल वर्मा, अशोक धीवर, कैलाश शर्मा, चोरभट्टी से पंडित देवचरण मिले सतनामी डॉक्टर संतोष बंजारे जगमोहन महेश्वरी, आरंग से हरमन कुमार बघेल चेतन सिंह चौहान हरेंद्र साहू, रोहित वर्मा खरोरा, कनकी से जितेंद्र निर्मलकर एवं संतोष धीवर, प्रीत लाल कुर्रे तलासी, बेलटुकरी से खेमचंद कुर्रे एवं किशन चेलक, और सारा गांव से राकेश कुमार साहू मधुर काव्य पाठ से इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।
          
कार्यक्रम के आयोजक ईश्वर जोशी चकवे एवं अशोक कुमार दास प्रधान पाठक प्राथमिक शाला चकवे का विशेष योगदान रहा। उनकी बेहतर व्यवस्था एवं श्रम की भूरी भूरी प्रशंसा होती रही।

श्री रोहित वर्मा जी की खबर

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