महिला अपराध के खिलाफ 'आप' ने किया विरोध प्रदर्शन एसडीएम बालोद को सौंपा ज्ञापन
महिलाओं की सुरक्षा प्रदेश की सबसे बड़ी चुनौती- 'आप'
महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बीजेपी-कांग्रेस असंवेदनशील- 'आप'
एएसपी दफ्तर के पार्किंग में हुई दरिंदगी, ग्रामीण अंचलों की महिलाएं कैसे रहेंगी महफूज- 'आप'
बालोद: आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ के निर्देश पर जिला 'आप' कमेटियां बढ़ते महिला अपराध के खिलाफ प्रदेश के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन किया गया,जिसमे आम आदमी पार्टी बालोद इकाई द्वारा कचहरी चौक में विरोध प्रदर्शन कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया,ज्ञापन सौंपने प्रमुख रूप से कांकेर लोकसभा सचिव दीपक आरदे,जिला अध्यक्ष चोवेंद साहू,महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष कांता गरिहा,पूर्व प्रत्याशी मधुसूदन साहू,जिला कोषाध्यक्ष बालक साहू,रोहित साहू,हरप्रसाद जोशी,रितेश कुमार, किरण साहू,नीलम साहू,गोमती साहू समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
आम आदमी पार्टी द्वारा जारी बयान के मुताबिक प्रदेश कार्यसमिति ने सूबे में महिलाओं के विरूद्ध बढ़ते अत्याचार के मुद्दे पर जिला 'आप' कमेटियों को सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदेशभर में जिलावार प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
आम आदमी पार्टी जिला अध्यक्ष बालोद चोवेंद्र साहू ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। प्रदेश की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं की सुरक्षा के मोर्चे पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार बुरी तरह विफल रही है। अनुसूचित जाति-जनजाति महिलाओं की बद्तर स्थिति तो है ही इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में सुरक्षा के तमाम तंत्रों के बीच रहने वाली अन्य महिलाओं के साथ भी दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं कांग्रेस के शासनकाल में लगातार बढ़ी हैं।
जिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ कांता गरिया ने कहा कि बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं। चुनावी साल में महिलाओं के लिए केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल लाकर अपनी पीठ थपथपा रही है वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार तमाम फौरी दावे कर साबित करने में जुटी हुई है कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ क्राइम रेट घट रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत जगजाहिर है। VVIP’s के दौरों के लिए चौकस सुरक्षा व्यवस्था के बीच नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार छत्तीसगढ़ में हर दिन रेप की तीन घटनाएं होती हैं। जबकि इससे कई गुना ज्यादा केसेस रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं होते हैं। साथ ही 'आप' ने प्रदेश सरकार को आगाह करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर यदि जल्द ही कोई ठोस पहल नहीं की गई तो पार्टी प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन को बाध्य होगी।