छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सातवें प्रांतीय सम्मेलन में कवियों ने बढ़ाया बेमेतरा जिला का मान

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सातवें प्रांतीय सम्मेलन में कवियों ने बढ़ाया बेमेतरा जिला का मान

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सातवें प्रांतीय सम्मेलन में कवियों ने बढ़ाया बेमेतरा जिला का मान

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सातवें प्रांतीय सम्मेलन में कवियों ने बढ़ाया बेमेतरा जिला का मान 


बेमेतरा:- संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित छतीसगढ़ राजभाषा आयोग के सातवें प्रांतीय सम्मेलन 23 एवं 24 सितंबर सत्र 2023 को आयोजित दो दिवसीय आयोजन में बेमेतरा जिला समन्वयक रामानंद त्रिपाठी के समन्वयन में नवागढ़,साजा, बेरला, भिंभौरी, बेमेतरा के कवियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । 

जिसमें प्रथम दिवस पर लोक गायक दिलीप टिकरिहा छत्तीसगढ़िया ने पढ़ा
"सरग हे एखर एड़ी के धोवन,
चारो मुड़ा हे शोर जी |
बड़ मयारू मोर महतारी,
अइसन धरती मोर जी || "
तो वहीं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेन्द्र पटाकर स्नेहिल व्याख्याता ने भी अपने इस गीत की प्रस्तुति दी
" गदर मचा दिहूँ तोर गाँव म
झन मोला तैं हा अलवा जलवा जान
पुलिस वकील ल बुलाले
दे दिहूँ तोर गाँव म परान।" सुप्रसिद्ध ओज कवि ईश्वर साहू आरुग ने शहीद वीर नारायण सिंह पर केंद्रित अपनी शानदार रचना पढ़कर सब में देशभक्ति का भाव जगाया । बेमेतरा निवासी गोकुल दास बंजारे ने भी अपनी बेहतरीन गीत
"ये दीदी के तीजा ये
ये दीदी के पोरा ये " 
से समा बांध दिया । द्वितीय दिवस पर संध्या कालीन की पावन बेला में उभरती हुई कवयित्री सरस्वती साहू ने अपनी गीत "बीते साल महीना बछर संगवारी
तोर पता नई मिलय मोला ।
अमुआ के डार डार कोयली बोलय बार,
आही कब तोर सजनवा मन ला बइठे तैं हा उतार
होगे तोर मया हा विपत्त बड़ा भारी
तोर पता नई मिलय मोला ।
दिन साल महीना बछर संगवारी
तोर पता नई मिलय मोला।" के माध्यम से सबके हृदय में अपनी अमिट छाप बनाई । गीतकार राजकुमार निषाद राज ने अपनी गीत "भारत के भुईंया म बसे पहिरे हरियर लुगरा लाली हे,
कौशल्या माता के मइके छत्तीसगढ़ महतारी हे । " 
के माध्यम से खूब तालियां बटोरी तो वहीं उभरते हुए हास्य कवि ईश्वर निषाद ने अपनी रचना "शहर के भोरहा" के माध्यम से सभी को खूब गुदगुदाया ।

 युवा कवि विकास कश्यप ने कुलपति छत्रपति शिवाजी विश्वविद्यालय डॉ.के.एल. वर्मा के साथ ही अलग अलग जिले से पधारे लगभग 10 अन्य साहित्यकारों को भी अपनी प्रथम काव्य संग्रह "आनंद का इत्र" नामक किताब भेंट किया । तो वहीं सुग्घर साहित्य समिति बेरला अध्यक्ष नारायण प्रसाद वर्मा चंदन , कोषाध्यक्ष जगदीश सोनी सचिव सुरेश निर्मलकर द्वारा कई साहित्यकारों को सुग्घर साहित्य समिति द्वारा सम्पादित "काव्य प्रयाग" साझा संग्रह एक अनुपम कृति नामक किताब कई साहित्यकारों को भेंट स्वरूप प्रदान किया । 

वहीं कार्यक्रम में शानदार मंच संचालन का कार्य रामानंद त्रिपाठी के द्वारा किया गया । उक्त कार्यक्रम में ओज कवि कमलेश वर्मा व्यख्याता,विक्रम राजपूत, मनोज पाटिल, अखिलेश मिश्रा, भुवन दास जांगड़े, सुप्रसिद्ध हास्य कवि राम हृदय वर्मा, कवि ताकेश्वर साहू बचपन, गीतकार मूलचंद साहू आदि शामिल रहे । जिले के सभी साहित्यकारों को छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग रायपुर द्वारा बधाई एवं शुभकामना सहित प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया ।

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