हारनाबांधा मुक्तिधाम में जर्जर अवस्था और मूलभूत सुविधा नदारत होने से लोग नाराज,पूर्व सभापति देवांगन ने कहा दुनिया में चर्चित शमशान घाट को भी सहेज नहीं पा रहे है विधायक,महापौर...
कभी कविताओं के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय पटल पर प्रख्यात कवि सुरेंद्र दुबे द्वारा तत्कालीन महापौर सुश्री सरोज पाण्डेय के कार्यकाल में हरनाबांधा में बनाए गए सर्वसुविध युक्त मुक्तिधाम का अपनी कविताओं के माध्यम से बखान किए जाने के कारण देश ही नहीं दुनिया में भी चर्चित रहे वही मुक्तिधाम आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है कारण की निगम प्रशासन के अनदेखी व सत्ता बदलने के बाद काबिज कांग्रेसी परिषद को शायद मानव जीवन की अंतिम पड़ाव में पहुंचने वाले मृत शरीर व शोकाकुल उनके परिजन को सुविधा के आभाव में दाह संस्कार के समय होने वाले तकलीफो का भान नहीं है की किस प्रकार शव जलाने के लिए बनाए गए एंगल तथा शेड जर्जर हो गया है और लोगो को खुले आसमान के नीचे अग्नि संस्कार करना पड़ रहा है और तो और दाह संस्कार के पहले विधिविधान से नहाने के लिए मुक्तिधाम परिसर में पानी नही होने के कारण जल शुद्धि करण के लिए भी लोगो को बाहर दूषित तालाब में नहाकर आना पड़ रहा है।
इस संबंध में निगम के पूर्व सभापति सभापति व भाजपा प्रवक्ता दिनेश देवांगन ने जारी बयान में कहा कि आज वे भी अपने वार्ड के एक नागरिक की मृत्यु पर अंत्येष्टि में शामिल होने हरना बांधा मुक्तिधाम गया था जहां शहर के अन्य क्षेत्र से भी तीन अलग अलग शव यात्रा शमशान घाट पहुंची थी जिसमे अनेक समाज के गणमान्य लोग शामिल थे लेकिन शमशान घाट की दुर्दशा देखकर वे सभी निगम प्रशासन व विधायक महापौर कोसते हुए उनसे विपक्षी दल के नाते इस मुद्दे पर आवाज उठाने की शिकायत किया व शव दहन करने वाले स्थल के ऊपर शेड दिखाया जहां केवल ढांचा खड़ा है और शेड गायब जिससे खुले आसमान के नीचे लोग लाश जला रहे वही ढांचा में लगे एंगल भी जर्जर हालत में है जो कभी भी गिरकर बड़ा हादसा का कारण बन सकता है इसी प्रकार पूरे परिसर में बुंद भर पानी नही है लोगो को हाथ धोने बाहर दूषित तालाब में जाना पड़ रहा है इस अवस्था को देखकर पूर्व सभापति दिनेश देवांगन स्वयं अधिकारियों से बात कर इस स्मस्यायों को प्रति ध्यान आकृष्ट कराया और तत्पश्चात अधिकारियों ने शीघ्र इस दिशा में व्यवस्था सुधारने कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
इस समस्या पर पूर्व सभापति दिनेश देवांगन ने प्रशासन से ज्यादा विधायक वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल को अधिक जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है विकास कार्य की उपल्ब्धि का बड़े बड़े होर्डिंग व पोस्टर लगाने वाले विधायक महोदय को जीवन की अंतिम पड़ाव में पहुंचने वाले लोगो की मूलभूत सुविधाओ का भी ख्याल नहीं अपने दस साल के कार्यकाल में नया उपलब्धि तो दूर भाजपा शासनकाल में बनाए धरोहरों को भी सम्हाल नही पा रहा है नतीजा यह को ईस तरह सब बड़ी बड़ी परियोजना देखरख व संधारण के अभाव में जर्जर हो रहा है।