छात्र-छात्राओं ने लिया गुरुजनों को रामचरितमानस व श्रीफल भेंट कर लिए आशीर्वाद
शासकीय एकलव्य महाविद्यालय डौंडीलोहारा में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया था जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा गुरुजनों को रामचरितमानस व श्रीफल देकर सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे श्री संजय ठाकुर सहायक अध्यापक अंग्रेजी विभाग ने छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि 1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे। जिस पर उन्होंने छात्रों से समाज में शिक्षकों के अमूल्य योगदान को बताने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया। डॉ. राधाकृष्णन ने एक बार कहा था कि "शिक्षकों को देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाला होना चाहिए।
श्री ठाकुर ने बताया कि 5 सितंबर को स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। छात्र अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी करते हैं। इस दिन कई स्कूलों में छात्र खुद शिक्षक बनते हैं। साथ ही वे उन गुरुओं को भी याद करते हैं, जो स्कूल छोड़ चुके होते हैं।
साथ ही शिक्षक दिवस की इस अवसर पर शासकीय एकलव्य महाविद्यालय डौंडीलोहारा द्वारा विभिन्न आयोजित प्रतियोगिताओं के उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं का अतिथि व प्रोफेसर द्वारा सम्मानित किया गया, । वह कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे श्री पुरुषोत्तम भारी राष्ट्रीय सेवा योजना व खेल क्रीड़ा प्रभारी के कार्यक्रम अधिकारी ने सभी आयोजन करता छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाते हुए प्रशंसा किया।
कार्यक्रम के दौरान सहायक प्राध्यापक डॉ ईश्वर खरे सहायक अध्यापक प्रदीप खरे सहायक अध्यापक मयंक मांडवी देवानंद वर्मा व हलेश वर्मा अतिथि व्यख्याता राजनीति विज्ञान , टेकराम नेताम व अनिल साहू अतिथि व्याख्याता हिन्दी विभाग, सुरेन्द्र साहू अतिथि व्याख्याता अर्थशास्त्र नंदकिशोर सिन्हा अतिथि व्याख्याता इतिहास कुलेश्वर पटेल अतिथि व्याख्याता रसायन शास्त्र ईलेश चंद्राकर अतिथि व्याख्याता गणित व महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना की टीम व समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।