भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक के दल्ली राजहरा आगमन पर सभी युनियन के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक राजहरा माइंस के सभागार में संपन्न हुई

भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक के दल्ली राजहरा आगमन पर सभी युनियन के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक राजहरा माइंस के सभागार में संपन्न हुई

भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक के दल्ली राजहरा आगमन पर सभी युनियन के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक राजहरा माइंस के सभागार में संपन्न हुई

भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक के दल्लीराजहरा आगमन पर सभी युनियन के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक राजहरा माइंस के सभागार में संपन्न हुई


भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक) के दल्ली राजहरा आगमन पर सभी युनियन के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक राजहरा माइंस के सभागार में संपन्न हुई। चर्चा के आरम्भ में सभी युनियनो के पदाधिकारियों ने अपना परिचय दिया, तत्पश्चात सर्वप्रथम एटक के सचिव कमलजीत मान ने राजहरा खदान के कर्मचारी एवं ठेका मजदूरों की समस्याओं तथा अन्य विषयों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विगत दिनों दल्ली माइंस में घटित घटना बहुत ही दुखद है। वहाँ के कर्मचारी साथियों ने बताया कि घटना के कुछ समय पूर्व उसी बेल्ट पर कर्मचारी द्वारा वेल्डिंग का काम किया जा रहा था और वेल्डिंग होने के पश्चात समस्त कर्मचारी उस एरिया से बाहर आये थे और उसके बाद ही यह घटना घटित हुई। घटना का मुख्य कारण यह है कि यह स्ट्रक्चर बहुत ही पुराना है, धीरे धीरे स्प्लेज (फाइंस) मटेरियल जमा होता गया, लेकिन समय समय पर इसका सफाई नही होना, प्रबंधन द्वारा ठीक से मानिटरिंग न होना, यह दुर्घटना का मुख्य कारण बना। अन्य समस्याओं पर कहा कि टाउनशिप पर कोई काम नहीं होता, सुपरवाईजर नहीं है, ठेकेदार लो रेट में ठेका लेने के बाद काम करने में आनाकानी करते हैं गुणवत्ताहीन कार्य होता है, टाउनशिप के अधिकारियों से पता चलता है कि जितने कार्य के लिए बजट स्वीकृति के लिए भेजा गया है, उसमें बहुत कम राशि का बजट स्वीकृत हुआ है। क्वार्टर की स्थिति जर्जर होती जा रही है, कर्मचारी कम होते जा रहे है, इसलिए ऐसा कोई स्कीम लाया जाये जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को शेष क्वार्टरों का लाभ मिल सके। इसी प्रकार अस्पताल की समस्याआ बहुत जटिल होती जा रही है, यह एक रेफर सेंटर बन कर रह गया है। अस्पताल को अपग्रेड किया जाये।

मेटल माइंस वर्कर्स युनियन के केन्द्रीय अध्यक्ष कॉ. अभय सिंह ने कहा कि नियमितकर्मचारियों का वेतन समझौता आज भी अधुरा है, 39 माह का एरियर्स कर्मचारियों को अभी भी मिलना बाकी है। साथ ही साथ बहुत से स्थानीय समझौता किया जाना है जैसे नाईट शिफ्ट एलाउन्स आदि आदि.वासिंग एलाउन्स, जो कि अधुरा है उसे भी प्रबंधन ध्यान दे। ठेका श्रमिकों को दी जाने वाली ग्रेच्युटी में कई तरह की बाधाए आ रही है उसे दूर कर सभी ठेका श्रमिकों को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाये।

भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री केन्द्रीय मुस्ताक अहमद ने कहा कि माइंस में कार्यरत सभी ठेका श्रमिकों को उनका मासिक वेतन नियमित समय में किया जाये, क्योंकि आज के समय में उत्पादन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ठेका मजदूर की रहती है। समय पर वेतन नहीं मिलने से ठेका मजदूरों में आकोश बढ़ता है, इसका असर उत्पादन पर भी पड़ता है और सभी माइंसों के ठेका श्रमिकों का पी.एफ. की राशि सभी ठेकेदारों द्वारा नियमित रूप से जमा करना चाहिए और इसकी जानकारी श्रम कल्याण अधिकारी द्वारा सभी युनियन को दी जानी चाहिए। यह भी कहा कि ठेकेदारी में कार्यरत श्रमिकों को आवास की सुविधा मिलनी चाहिए।

जनमुक्ति मोर्चा के महामंत्री कां. बसंत रावटे ने कहा कि प्रबंधन लगातार ठेका मजदूरों का शोषण करती आ रही है, ठेकेदारों के द्वारा उसके श्रमिकों को उनके योग्यता के आधार पर उन्हें वेतन नहीं दिया जाता, जो श्रमिक वेल्डिंग का कार्य करता है, या फिटर का काम करता है उसे भी अमानी का पारिश्रमिक दिया जाता है। कुछ माह पूर्व ठेका कार्यों के लिए एक कमेटी बनी थी, जिस पर भी प्रबंधन आना कानी कर रही है और बार बार धरना प्रदर्शन के लिए श्रमिक बाध्य होते जा रहे है। एक वर्ष हो गया प्रबंधन द्वारा सभी ठेका श्रमिकों के पूरे परिवार को चिकित्सा सुविधा देने के लिए एक समझौता हुआ उस पर अब तक पूरा नहीं हुआ है। राजहरा के कुछ ठेकेदार इसमें गुमराह कर रहे है, जिससे ठेका श्रमिकों में एक आकोश है। अधिकांश ठेकेदार समय पर वेतन नहीं देते हैं इस प्रकार के ठेकेदारों पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। 

सभी यूनियन प्रतिनिधियों ने बताया कि  बी.एस.पी. राजहरा माइंस के अधिकारियों के लिए प्रबंधन द्वारा डिस्टर्ब माइंस एलाउन्स के रूप में एक स्कीम लाया गया है, जो हमारे लिए लागू नहीं है, किन्तु हमारे कर्मी को बेसिक का 08 प्रतिशत दासा दिया जा रहा है, वो दासा बंद नहीं होगा, यदि किसी प्रकार से दासा दिलाने में प्रबंधन द्वारा आना कानी किया गया तो कर्मचारियों द्वारा सख्त कदम उठाया जायेगा। हमारा चारों युनियन इसका विरोध करेगा। कुछ लोगों के द्वारा यह भ्रांति फैलायी जा रही है वह गलत है।

उपरोक्त सभी मांगों पर प्रबंधन द्वारा विचार करते हुए कहा गया कि राजहरा माइंस अस्पताल का अवलोकन एवं परिस्थिति को देखते हुए अन्य नीजि अस्पताल (अपोलो) को देने पर चर्चा हो रही है। इस पर आगे कहा कि आप सभी संगठनों से आने वाले समय में चर्चा करेंगे। ठेका मजदूरों के लिए कहा कि 10 लाख रूपये तक दुर्घटना बीमा करने की योजना पर प्रबंधन विचार कर रही है और बहुत जल्द ही नवम्बर माह तक अंतिम रूप दे दिया जायेगा। बाकी मुद्दों पर उच्च प्रबंधन से चर्चा कर निर्णय लेने की बात कही गई और कहा कि ठेका श्रमिकों का वेतन व भत्ता का नियमित भुगतान हो तथा सुरक्षा को ध्यान में रख कर काम करें, उत्पादन के प्रति सगज रहे और बी.एस.पी. को आवश्यकता के अनुरूप आयरन ओर की आपूर्ति हेतु सभी साथियों से अपिल किया।

बैठक में कमलजीत सिंह मान, अभय सिंह, तोरन लाल साहू, तिलक राम मानकर, तेजेन्दर प्रसाद, मुस्तक अहमद, शिव कुमार नायक, राजीव सिंह, बसंत रावटे और प्रबंधन की ओर से मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक) संदीप माथुर, महाप्रबंधक एस. के. सोनी, महाप्रबंधक आई आर. जे. एन. ठाकुर, ए.जी.एम. कार्मिक राजहरा एम. डी. रेड्डी, प्रबंधन कार्मिक डॉ. जे. एस. बघेल, प्रबंधक कार्मिक जोत कुमार, प्रबंधक कार्मिक सिकन्दर, एल. डब्ल्यु रतीष मिश्रा, संतराम साहू, एम.डी. चन्द्राकर, संध्या रानी वर्मा, घनश्याम पारकर आदि बैठक में उपस्थित थे।

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