डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को ज्ञापन प्रेषित कर प्रदेश में लगातार बढ़ती सुसाइड की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुसाइड प्रीवेंशन पॉलिसी बनाने की मांग की

डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को ज्ञापन प्रेषित कर प्रदेश में लगातार बढ़ती सुसाइड की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुसाइड प्रीवेंशन पॉलिसी बनाने की मांग की

डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को ज्ञापन प्रेषित कर प्रदेश में लगातार बढ़ती सुसाइड की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुसाइड प्रीवेंशन पॉलिसी बनाने की मांग की

डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को ज्ञापन प्रेषित कर प्रदेश में लगातार बढ़ती सुसाइड की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुसाइड प्रीवेंशन पॉलिसी बनाने की मांग की 


दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन एवं सेन समाज युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को ज्ञापन प्रेषित कर प्रदेश में लगातार बढ़ती सुसाइड की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुसाइड प्रीवेंशन पॉलिसी बनाने की मांग किया है।पूर्व एल्डरमैन डॉ.प्रतीक उमरे ने आग्रह किया कि पॉलिसी में सुसाइड के मामले रोकने के लिए मेडिकल बैकअप का प्रावधान भी किया जाए।उन्होंने कहा कि प्रदेश में साल दर साल आत्महत्या करने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी और आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकने छत्तीसगढ़ में सुसाइड प्रीवेंशन पॉलिसी लागू करने की बेहद आवश्यकता है।इसके अंतर्गत विभिन्न कारणों से अवसादग्रस्त होकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश करने वालों को इस अभियान के जरिए जिंदगी का महत्व समझाया जाए।ऐसे लोगों को चिन्हित करने,उनकी काउंसलिंग, हेल्पलाइन के जरिए उन्हें मदद देने सहित तमाम काम किए जाएं।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दुर्ग से करें शुरुआत

पिछले कुछ महीनों में दुर्ग में लगातार बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को देखते हुए पुर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्य सचिव से आग्रह किया है कि इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दुर्ग से इसकी शुरुआत किया जाए।चिकित्सा विभाग,मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोविज्ञान विभाग से जुड़े लोगों को इस विषय पर समिति गठित कर सदस्य बनाया जाए।यह समिति समाज के विभिन्न वर्गों के प्रमुखजनों को इस अभियान के साथ जोड़े तथा लोगों और खासकर युवा वर्ग के बीच बढ़ती आत्महत्या की मानसिकता को हेल्पलाइन के जरिए रोकने के साथ ही उन्हें जीने के लिए प्रेरित किया जाए।शहरी और ग्रामीण इलाकों में विभिन्न वर्गों के लोगों द्वारा मानसिक रोगों की पहचान और उसके निदान के लिए वालंटियर्स को प्रशिक्षित किया जाए।खासतौर से स्कूल-कॉलेजों में इसे लेकर अभियान चलाने की आवश्यकता है वहां शिक्षकों को ऐसे बच्चों को चिन्हित करें और उनकी काउंसलिंग के लिए तैयार किया जाए।पूर्व एल्डरमैन ने राज्य सरकार से इस विषय पर गंभीरता से विचार कर जल्द ही सुसाइड प्रीवेंशन पॉलिसी बनाने की मांग किया है।


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