‘‘शासकीय महाविद्यालय, गुण्डरदेही में धर्मनिरपेक्षता व भाईचारे की नई पहल’’
शासकीय शहीद कौशल यादव महाविद्यालय, गुण्डरदेही में छात्र-छात्राओं को पंथ निरपेक्षता एवं भाईचारा की मौलिकता से परिचित कराने के उद्देश्य से एक नई एवं अनूठी पहल की गई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.डी.आर.मेश्राम के अनुसार महाविद्यालय परिवार छात्र-छात्राओं को सभी धर्मों के प्रमुख विचारों से अवगत कराने प्रयासरत हैं। इस प्रयास की प्रथम कड़ी में महाविद्यालय में ईद-ए-मिलाद (मिलाद-उन-नबी) के अवसर पर पैगम्बर साहब के विचारों पर परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिससे छात्र उनके मौलिक विचारों को जान सके। इस आयोजन में विशिष्ट वक्ता के रूप में पद्मश्री शमशाद बेगम जी उपस्थित रहीं।
उन्होंने पैगम्बर साहब के संघर्षमय जीवन पर प्रकाश डाला तथा बताया कि पैगम्बर साहब ने इंसानियत की शिक्षा दी है। उन्होंने पैगम्बर साहब को ‘‘मेरी जूस्तजू मदीना’’ ...... पंक्तियों के माध्यम से याद किया साथ ही उपस्थित रफीक जी ने सभी मजहब में समानता और भाईचारे के संदेश दिया। महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. अभिषेक पटेल जी ने पैगम्बर साहब के पैगाम का महत्व बताया तथा वर्तमान सोशल मीडिया के समय में जागरूकता बनाये रखने और भ्रांतियों से बचने हेतु प्रेरित किया। इस परिचर्चा में महाविद्यालय के छात्र झमेन्द्र (बी.एस-सी.भाग-तीन) ने बताया कि सबसे बेहतरीन जिहाद, स्वयं पर विजय प्राप्त करना है। कु.फनेश्वरी (बी.एस-सी.भाग-दो) ने दयालुता को व्याख्यित किया जिसमें अल्लाह पर विश्वास हेतु ‘दयालु’ होना आवश्यक माना।
बी.एस-सी.भाग-तीन की छात्रा कु. आकांक्षा ने मोहम्मद साहब के संघर्षमय जीवन में सम्मान व समानता के भाव को प्रकाशित किया। अंत में कार्यक्रम के संयोजक सुश्री शिखा श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापक-सूक्ष्मजीवविज्ञान ने श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं भविष्य में ऐसे अन्य आयोजनों के लिए आश्वस्त किया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ.के.डी.चावले ने किया। उक्त आयोजन में महाविद्यालय के समस्त सहायक प्राध्यापकों सहित समस्त अतिथि व्याख्याताओं की उपस्थिति रही।