तिल्दा नेवरा। तिल्दा के एक कांग्रेसी नेता के भाई के निर्माणाधीन दुकान में कांग्रेस शासन के तिल्दा निवासी एक पदाधिकारी ने लगवाए ताला, राजस्व अधिकारी ने नही मानी मंत्रियों की बात
एक तरफ तिल्दा के लगे हुए ग्राम पंचायतो में धड़ल्ले से अवैध कब्जा जारी है जिस पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हो रही है वहीं आज एक नजूल जमीन पर बनी दुकान में राजस्व अमला द्वारा ताला लगाकर सील कर दिया गया बताया जाता है कि यह दुकान एक कांग्रेसी नेता के भाई का है जिसे एक कांग्रेसी नेता द्वारा ही सील लगवाने की कार्रवाई की गई है ।
तिल्दा नेवरा क्षेत्र में धड़ले से अवैध प्लाटिंग सहित सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कर दुकान व मकान बनाए जा रहे हैं जिसका निर्माण जारी है, साथ ही बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग की जा रही है जिस पर प्रशासनिक अमला कोई कार्यवाही नहीं करती , वहीं आज एक बड़ा नजारा देखने को मिला जहां पर कॉलेज मार्ग पर एक कांग्रेसी नेता के भाई द्वारा दुकान का निर्माण किया गया है सड़क के किनारे ही , जिसमें शटर आदि उसके द्वारा लगा दिया गया था, जिसे आज तिल्दा नेवरा के एक कांग्रेसी नेता जिसे कांग्रेस शासन काल पधाधिकारी भी कहा जा रहा है, जिसके द्वारा उक्त दुकान पर ताला लगाकर सिल लगवा दिया गया, बताया जाता है की इस संबंध में प्रार्थी दुकानदार ने आज तिल्दा नेवरा पहुंचे मंत्री शिवकुमार डहरिया को भी अवगत करवाया व एसडीएम को फोन करवाया गया, साथ ही राजस्व मंत्री को भी उन्होंने अवगत कराया था , उसके बावजूद भी एसडीएम ने किसी की नहीं सुनी, तिल्दा नेवरा में हल्ला है कि एसडीएम ने मंत्रियों की बात भी नहीं सुनी और कांग्रेस के शासन के तिल्दा नेवरा निवासी उक्त पदाधिकारी के निर्देश पर उक्त दुकान में ताला लगवा कर सिल करवा दिया , जबकि यह भी कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ शासन में पदस्थ उक्त कांग्रेसी पदाधिकारी द्वारा अवैध प्लाटिंग का कार्य भी किया जा रहा है, साथ ही इसकी जमकर यहां पर चर्चा हो रही है, प्रार्थी कांग्रेसी नेता ने बताया की प्रशासनिक अमला द्वारा दबाव में भेदभाव पूर्वक कार्रवाई की जा रही है जो की न्याय संगत नहीं है।
साथ ही उक्त खसरा नंबर 469/1 में लगभग 150 अवैध कब्जे है जिस पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई। सिर्फ कांग्रेसी नेता के भाई की दुकान पर कार्यवाइ की गई। यहां दुकान को सिल लगाने आए नायब तहसीलदार, आर आई, पटवारी से हम बात करने की कोशिश की तो उनका स्पष्ट कहना था की वे उच्च अधिकारी के आदेश का पालन कर रहे है।
वही हमने एसडीएम से संपर्क की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। साथ ही हमने कलेक्टर से भी बात की तो उन्होंने कहा की मामला क्या है दिखवाते है।