नवरात्री में कलाकार आचार- संहिता का पालन करते हुए करेंगे कार्यक्रम
छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध ख्याति प्राप्त छत्तीसगढ़ शासन से मान्यता प्राप्त व पुरानिक साहू द्वारा निर्देशित छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृतिक संस्था लहर गंगा पिछले आठ वर्षों से लगातार छत्तीसगढ़ के पुरानी संस्कृति व परम्परा को लोक कला मंच के माध्यम से दर्शकों के बीच में दिखाते आ रहे हैं, जिसमें लोकपरंपरा से जुड़े गीत ,संगीत, गम्मत तथा जल जंगल जमीन व तिज त्योहार देश भक्ति जैसे शिक्षाप्रद कहानियां (प्रोजेक्ट) दर्शको के बीच परोसते आ रहे हैं।
संस्था के प्रमुख लहर गंगा के संचालक पुरानिक साहू ने बताया कि कार्यक्रम के माध्यम से हमारा यही प्रयास रहता है कि आज के पीढ़ी को छत्तीसगढ़ के कल्चर, त्योहार जो बरसों से हमारे पुरखों से चली आ रही परंपरा जो कहीं न कहीं आज विलुप्त हो रही है उसे बचा कर रखें। कलायात्रा से पुर्व सभी कलाकारों द्वारा दस दिनों तक कार्यशाला में प्रैक्टिस कर तैयार हुआ ताकि अच्छी से अच्छी प्रस्तुति लोगो को दिखा सके। लोक कलाकार धनेश साहू ने बताया कि हर साल की तरह भी इस वर्ष भी नवरात्री पर्व पर पुरी तैयारी के साथ लहर गंगा की कलायात्रा निकला है,चुनावी वर्ष होने के कारण प्रशासन के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए मंचीय प्रस्तुति दिया जा रहा है।
इस वर्ष लहर गंगा की कलायात्रा इस प्रकार हैं, जहां प्रस्तुति करना है, सुहेला ,चिखला माइन्स ,रामनगर भिलाई, पिथोरा ,दुर्ग दीपरापारा ,देवरी खैरागढ़ ,कुथरेल, भिथीडीह, पिथोरा सोनई डोंगरी , कांदूल (अर्जुन्दा),।