नशा करना है तो राम नाम का करें, प्रदेश का नाम होगा रोशन।
श्रीराम कथा अनुष्ठान के समापन दिवस पर मानस मर्मज्ञ दीदी मंदाकिनी ने ये बातें कहीं
छत्तीसगढ़: कलयुग में भी कपटमुनियों से सावधान रहने की जरूरत है। अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और नजर आने वाले लोगों की कमी नहीं। नशा करना ही है तो राम नाम का करें छत्तीसगढ़ का नाम रोशन हो जाएगा। मनुष्य अपनी शरीर का मूल्यांकन नहीं कर पा रहा, इसलिए भटक रहा है। जिस दिन आपको रामत्व का बोध हो जाएगा,उस दिन सुशुप्त में भी चेतना जागृत हो जाएगी। प्रेम से बढ़कर दूसरा संदेश नहीं है। राम ने मनुष्यों से ही नहीं पशुओं से भी प्रेम व मित्रता किया था। आज तो प्रेम की परिभाषा भी बदल गई है। उक्त बातें श्रीराम कथा अनुष्ठान के समापन दिवस पर मानस मर्मज्ञ दीदी मंदाकिनी ने कहा। उन्होंने आगे कहा कि संकट हर व्यव्ति के जीवन में आया है और आता है। संकट से निकलने की युति हनुमानजी के कार्यों से सीखें। उन्होंने तो राम लक्ष्मण,भरत और सीता को भी संकट से निकाला। संकट निवारण और जीवन प्रबंधन कैसे करें , मानस में हनुमान ने कर दिखाया है इसीलिए तो वरन किया जाता है।
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। रिद्धि और सिद्धि का उपयोग उन्होंने राम काज के लिए किया है। दीदी मंदाकिनी ने कहा कि दिखावे की दुनिया में आज कपट मुनियों से सावधान रहने की जरूरत है। हनुमान भी ऐसे ही कपटमुनि के फेर में फंसे गए थे लेकिन प्रभु की भव्ति ने उन्हें बाहर निकाल लिया। किसी भी तंत्र मंत्र के चक्कर में न फंसे।जो मनुष्य शरीर हमें मिला है,उसका सही मूल्यांकन करें। सही उपयोग करें। सेन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वे जब भी आती है, लोगों से एक ही प्रार्थना करती है कि नशा मुक्त अभियान चलाएं, नशा से दूर रहें यह परिवार व समाज में बुराई की नाम रोशन होगा। भगवान राम के ननिहाल में गांव गांव में होने वाले नवधा रामायण की जानकारी उन्हें मिली।