महिला एवं बाल विकास मंत्री आज तक दुबारा कोई चुनाव नही जीत पाई अनिला भेड़िया के साथ क्या होगा ...?
दल्लीराजहरा:- डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने पुनः अनिला भेड़िया को अपना प्रत्याशी बनाया है। वही भरतीय जनता पार्टी के तरफ से लगभग 3 माह पूर्व ही देवलाल ठाकुर को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था। डौंडीलोहारा विधानसभा का चुनाव दूसरे चरण में होना है। जिसका मतदान 17 नवंबर को होगा। ऐसे में अब डौंडीलोहारा के चुनावी सरगर्मी तेज हो गयी हैं। हर चौक चौराहे पान ठेलो व चाय दुकानों पर आम जनता इसी मुद्दों पर चर्चा कर रही है। अधिक्तर लोग अपने आकलन में सौम्य ,मृदुभाषी व तेजतर्रार युवा नेता देवलाल ठाकुर को डौंडीलोहारा का अगला विधायक बता रहे है। इसके साथ ही कई सारे तर्क भी दे रहे। वर्तमान विधायक व मंत्री अनिला भेड़िया का कई गांवों में व दल्लीराजहरा के बहुत से वार्डो में भारी विरोध हो रहा इन्हें कार्यक्रम बीच मे बंद कर जाना पड़ रहा इतना ज्यादा विरोध जनता कर रही है। हमारे सवांददाता ने लोगो की राय पूछा तो दुष्यंत कुमार ग्राम पण्डेल के मतदाता ने बताया कि देवलाल के पक्ष में आमजनता मतदान करने का मन बना चुकी है। इसका सबसे बड़ा कारण भाजपा प्रत्याशी को 3 माह पूर्व टिकट मिलने से यह फायदा हुवा की जहाँ कोई भी प्रत्याशी पूरे विधानसभा में 1 बार भी बमुश्किल घूम पायेगा। वही देवलाल 2 बार पूरे गांव में डोर टू डोर घूम चुके है। इससे गाँव गाँव मे मतदाताओं ने देवलाल ठाकुर को काफी करीब से जानने व पहचानने लगे है व देवलाल ठाकुर को अपना अगला विधायक बनाने का मन बना चुके हैं। वही वार्ड क्रमांक 05 दल्लीराजहरा के मतदाता जीवन साहू ने बताया कि इस बार देवलाल ठाकुर को युवाओं का एकतरफा स्पोर्ट मिल रहा है। और युवा वर्ग जिसके तरफ झुकाव कर देता है। उसे जितने से कोई रोक नही सकता जिससे भाजपा प्रत्याशी देवलाल ठाकुर इस बार रिकॉर्ड मतों से जीतकर आने वाले है। वही वार्ड 09 के मेवालाल पटेल ने कहा कि वार्डो में जो कांग्रेसियों को विरोध झेलना पड़ रहा वह मुख्य रूप से यहाँ के नगरपालिका अध्यक्ष के कारण है। अध्यक्ष द्वारा इतना ज्यादा भ्रष्टाचार व तानाशाही दल्लीराजहरा में किया गया है। जिससे जनता में बहुत ज्यादा नाराजगी है वही नाराजगी मंत्री मैडम पर यहाँ की जनता निकाल रही और आने वाले 17 तारीख को भाजपा के पक्ष में रिकॉर्ड मत दल्लीराजहरा में डलेगा ऐसा अनुमान है।
महिला बाल विकास मंत्री का पद अभिशापित होने का मिथक जनता में प्रचलित।
प्रदेश में महिला बाल विकास मंत्री का पद भी हार का रिकार्ड कायम करता रहा है। पहली सरकार में गीता देवी सिंह के पास इसकी जिम्मेदारी थी। 2003 का चुनाव वे हार गईं। बीजेपी की पहली सरकार में रेणुका सिंह को महिला बाल विकास की जिम्मेदारी दी गई। 2008 का चुनाव हार गईं। दूसरी सरकार में लता उसेंडी को यह जिम्मेदारी मिली। लगातार दो बार की विधायक उसेंडी 2013 का चुनाव हार गईं। बीजेपी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं रमशीला साहू को पिछली बार 2018 में टिकट ही नहीं मिला। वर्तमान में कांग्रेस सरकार में अनिला भेड़िया महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं। व इस बार 2023 के चुनावी मैदान पर भी है अब देखना होगा कि क्या वह यह मिथक तोड़ पाएगी या फिर से यह रिकॉर्ड कायम रहेगा।