पुलिस रात को गश्त के नाम पर खानापूर्ति कर रही है : डॉ.प्रतीक उमरे
दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने दुर्ग शहर में बढ़ रही चोरी की घटनाओं पर रोष जताया तथा कहा की शहर में पुलिस की निष्क्रियता के चलते चोरों के हौसले बुलंद है।जिसके चलते लगातार चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं।घटना को अंजाम देने के बाद चोर आसानी से निकल भागते है लेकिन पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है। पिछले कई महीनों से चोरी की वारदातें बढ़ी हैं उसके बावजूद पुलिस रात को गश्त के नाम पर खानापूर्ति कर रही है।पुलिस की सक्रियता बढ़ती तो आए दिन शहर में वारदातों को अंजाम दे रहे चोरों को आसानी से पकड़ा जा सकता है।दुर्ग शहर में पुलिस का मुख्य उद्देश्य चालान रसीद काटने का है।चालान काट जल्दी से जल्दी अपना टारगेट पूरा करना सबसे पहला उद्देश्य बन चुका है।जैसे ही अपना कोटा पूरा हो जाता है।ये वहां से निकल जाते है।ऐसी ही सजगता यदि पुलिस प्रशासन शहर में हो रही चोरियों के प्रति दिखाता तो चोरी करने वाले चोर सलाखों के पीछे होते।दुर्ग शहर के चौक चौराहों पर न तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं ना ही अन्य सुरक्षा उपकरणों के पुख्ता इंतजाम है,ऐसी पुलिसिंग पर सवाल उठना लाजिमी है।पुलिस गिरफ्त से बाहर होने की वजह से चोरों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं।शहर में रात के समय भी पुलिस की गस्त प्रभावी नजर नहीं आ रही है,जबकि पुलिस के अधिकारी चाहे वह सिपाही हो या डीजी उसे पुलिस मैनुअल के अनुसार साल में 180 दिन (6 महीने) नाइट आउट करना जरूरी है।