विगत दिनॉंक 19 नवंबर की दोपहर 12.30 बजे अंचल के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.अशोक आकाश निवास श्रीहरि सदन कोहंगाटोला में मधुर साहित्य परिषद् जिला बालोद द्वारा दीपावली मिलन समारोह एवं कवि गोष्ठी का आयोजन रखा गया
साध्वी श्रद्धा साहेब ने दीपोत्सव को भगवान बुद्ध से जोड़कर अप्प दीपो भव के सद्विचार रखती पंक्तियों से सार्थक संदेश देती पंक्तियॉं प्रस्तुत की --
दीपों का त्यौहार हुआ, सबका दिल खुशहाल हुआ।
सबके घर में प्यार हुआ, अंतरआत्मा बहु आभार हुआ।।
मधुर साहित्य परिषद् तहसील अध्यक्ष डौंडीलोहारा एवं कार्यक्रम के विशेष अतिथि कन्हैया लाल बारले ने दीपों से दीप जलाकर अंधकार से लड़ने का सम्मिलित प्रयास का संदेश देती कविता का पाठ किया --
दीपावली के शुभ अवसर पर, खुशियों के हम गीत गायें।
चलो हम दीप जलायें, चलो हम दीप जलायें।।
संगठन के जिला कोषाध्यक्ष देवनारायण नगरिहा ने गोवर्धन पूजा से जनमानस को मिलने वाले सामूहिक संदेश से दीपोत्सव की बानगी प्रस्तुत किया --
मैं सुरहुत्ती के दीया अँव अंधियार भगाहूँ।
कुम्हड़ा कोचई खिचरी बरा, सबे ला खवाहूँ।
देवारी के मैं चुकी फरा अँव, मैं सुरहुत्ती के दीया।
ग्राम कोबा से आये मधुर साहित्य परिषद् तहसील सचिव कवि लालेश्वर अरुणाभ ने संसार में खुशहाली लाने एक एक कदम बढ़ाने का सार्थक संदेश देती कविता से मंचीय ऊँचाई प्रदान की--
आओ हम सब मिलकर एक एक दीप जलाएं
हमारे एक एक दीप से घर ऑंगन जगमगाए
कार्यक्रम का संचालन कर रहे कवि धर्मेन्द्र श्रवण ने मानव अंतर्मन की ज्योति प्रज्ज्वलित करने का आह्वान किया।
आओ दीपक बन दीप जलायें, अंतर्मन की ज्योति दमकायें।
ईर्ष्या द्वेष त्याग करके हम, प्रेम भाव की किरणें बिखरायें।
कार्यक्रम के मुख्यअतिथि संस्था प्रमुख डॉ.अशोक आकाश ने बुजुर्गों को संध्या का दीपक प्रतिपादित कर उनकी सेवा संरक्षण का वृहतर संदेश देती चर्चित कविता सांध्य-दीप का पाठकर सार्थक संदेश संप्रेषित किया,
सांध्य-दीप सुलझा देता नित,अनसुलझे हर उलझन को।
अंधकार में भटके हैं जो, कर उज्ज्वल उनके तम को
कार्यक्रम में साध्वी श्वेता साहेब जी ने अज्ञानता के अंधकार से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने दीप पर्व की विशिष्टता पर विचार व्यक्त किये। देवनारायण नगरिहा के आभार प्रदर्शन से कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई। कार्यक्रम में हेमलता साहू, कु.सद्भावना, कु.हरितिमा साहू, ईशू कुमार एवं कु.भूमिका देशमुख की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही।