छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस : राज्य का नाम कैसे पड़ा छत्तीसगढ़, जानिए पूरी कहानी और प्राचीन इतिहास के बारे में
छत्तीसगढ़ भारत का एकमात्र राज्य है, जिसे ‘महतारी’ (माँ) का दर्जा प्राप्त है. विभिन्न संस्कृतियों का केंद्र रहा छत्तीसगढ़ आज भी अपने प्राचीन मंदिरों के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है. छत्तीसगढ़ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया था. साल 2000 में जुलाई में लोकसभा और अगस्त में राज्यसभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी. इसके बाद 4 सितंबर 2000 को भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन के बाद 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ देश के 26वें राज्य के रूप में दर्ज हो गया. इस इलाके की भाषा को छत्तीसगढ़ी कहा जाता है.
कैसे नाम पड़ा छत्तीसगढ़ ?
छत्तीसगढ़ नाम के इर्द-गिर्द कई कहानियां प्रचलित हैं. कहा जाता है कि करीब 300 साल पूर्व गोंड जनजाति के शासनकाल में यहां गोंड राजाओं के 36 किले थे, जिनके आधार पर इसे छत्तीसगढ़ नाम दिया गया. कुछ इतिहासकारों के अनुसार कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 किलों (शिवनाथ नदी के उत्तर में कलचुरियों की रतनपुर शाखा के 18 गढ़ और दक्षिण में रायपुर शाखा के 18 गढ़) को मिलाकर इसे छत्तीसगढ़ नाम दिया गया था. इससे पूर्व इस पूरे क्षेत्र को कौशल राज के नाम से जाना जाता था.
कैसे राजधानी बना रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. आज रायपुर दुनिया में आकर्षण का केन्द्र बन चुका है. छत्तीसगढ़ के गठन के बाद इसकी राजधानी को लेकर काफी विचार-विमर्श हुआ. पहले बिलासपुर को राजधानी बनाए जाने पर विचार किया गया, क्योंकि बिलासपुर वर्तमान राजधानी से उस समय पर ज्यादा विकसित था, लेकिन फिर काफी विचार के बाद रायपुर को छत्तीसगढ़ की राजधानी घोषित किया गया.
प्रकृति की अनोखी छटा छत्तीसगढ़ में जैसे प्रकृति माता की विशेष कृपा है. यहां का कोना-कोना इतना अधिक ख़ूबसूरत है कि देश विदेश से कई सैलानी यहां घूमने के
लिए आते हैं. छत्तीसगढ़ में तीन राष्ट्रीय उद्यान गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान है.