छत्तीसगढ़ प्रदेश में घटते हुए गोवंश को बढ़ाने एवं गायों के संरक्षण संवर्धन के लिए संत श्री राम बालक दास जी ने बनाई कार्य योजना
मात्र 12 वर्ष की उम्र में 1989 से लगातार छत्तीसगढ़ में गौ रक्षा आंदोलन का नेतृत्व करने वाले छत्तीसगढ़ राज्य गो सेवा आयोग के संरक्षक संत श्री राम बालक दास जी ने आज श्री पाटेश्वर धाम में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हमने अपना पूरा बचपन एवं जवानी गौ रक्षा के कार्यों में लगाया बचपन में गायों की तस्करी रोककर जेल भी जाना पड़ा मध्य प्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना तक का संघर्ष किया राज्य बनने के बाद प्रथम गौ सेवा आयोग बनाने के लिए पूरे प्रदेश में यात्राएं निकाली छत्तीसगढ़ में उस समय 15 से 20 गौशालाएं थी आज 100 से अधिक गौशालाएं चल रही हैं उसके पश्चात भी विगत कुछ वर्षों में गोवंश की घटती हुई संख्या चिंता का विषय है जहां एक ओर किसान अपने घरों में गाय का पालन नहीं कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर सस्ती राजनीति के चलते राजनीतिक पार्टियां गोवंश की उपेक्षा कर रही हैं ऐसे में समाज और राजनीति को जोड़ते हुए धार्मिक और राष्ट्रीय धरोहर गोवंश की रक्षा के लिए एक मजबूत योजना की छत्तीसगढ़ में जरूरत है संत श्री राम बालक दास जी ने बताया कि उन्होंने 5 वर्ष के लिए एक ऐसी योजना बनाई है जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ में गो वंश अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करेगा और घर-घर में गोवंश पाला जाएगा साथ ही गौशालाओं की स्थिति मजबूत होगी और पंचगव्य चिकित्सा की ओर लोग उन्मुख होंगे व जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार को योजना सौंपने की तैयारी की है इस संदर्भ में आगामी 10 दिसंबर को रायपुर में छत्तीसगढ़ के समस्त गौशालाओं की एक बैठक भी बुलाई गई है जिसमें विस्तृत चर्चा होगी