जो संकट के वक्त काम आए वही सच्चा मित्रः पं. उपेंद्र; खरोरा में आयोजित भागवत कथा का समापन
खरोरा:-- जो विपत्ति के समय काम आए वही सच्चा मित्र है। झूठे व्यक्ति को सबसे बहा नुकसान तब होता है जब विश्वास खो देने के कारण उसके बुरे वक्त में कोई सामने नहीं आता। यह बाते नगर पंचायत खरोरा में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यह सप्ताह के अंतिम दिन खुडमुड़ी से पधारे भागवताचार्य उपेन्द्र कुमार शर्मा ने कही।
उन्होंने बुधवार को श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग, सुदामा चरित्र और लोकगमन की कथा सुनाई। पं. शमां ने कहा कि श्रीकृष्ण का चरित्र बहुआयामी है, जिसे समझ पाने में देवता भी असमर्थ रहे हैं।
रुकमणी, सत्यभामा, जाम्बवती, कालिंदी आदि पटरानियों के साथ विवाह की व्याख्या करते हुए पं. उपेंद्र शर्मा ने कहा कि यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि यह अष्टांग योग ही आठ पटरानियां है. जबकि काम. पेच, मद मस्सर, ईष्यों, द्वेष और अहंकार हो ये सात बैल थे, जिन्हें श्रीकृष्मा ने एक ही रस्सी से नाथ दिया था। श्रीकृष्ण के स्वधाम गमन की कथा अंतर्गत संसार की सभी वस्तुओं को नाशवान बताते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति को धन , पद ,मान व संपत्ति का अभियान न करते हुए ईश्वर और मृत्यु को हमेशा याद रखना चाहिए।
श्री रोहित वर्मा जी की खबर