उल्लू का किया रेस्क्यू
दो दिन पहले दो उल्लू के बच्चे रेलवे परिक्षेत्र के युवाओं को लावारिस अवस्था में मिले, जिसका पहले तो उन्होंने देख-रेख किया पर नवजात होने के कारण उचित संरक्षण के लिए कानन पेंडारी को सुपुर्द कर दिया,सुपुर्द करते पवन सिंह ने बताया कि ऐसे जीतने भी जीव जंतु पशु पक्षी हैं जिनका उत्पादन मनुष्य नहीं कर सकते उनको संरक्षण दे कर ही विलुप्ति से बचाया जा सकता है। नवीन दीप ने उल्लू के लिए मानवीय विचार पर चिंता व्यक्त करते कहा कि यह कोई जादू टोना का वस्तु नहीं है और ना ही कोई शुभ अशुभ के नज़रिए से हमे देखना चाहिए, यह भी एक प्राणी मात्र है जैसा कि मनुष्य।