कोदवा में अखंड नावधा रामायण का आयोजन आज तीसरे दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

कोदवा में अखंड नावधा रामायण का आयोजन आज तीसरे दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

कोदवा में अखंड नावधा रामायण का आयोजन आज तीसरे दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

कोदवा में अखंड नावधा रामायण का आयोजन आज तीसरे दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

श्री अखंड नवधा रामायण के श्रवण से मानव जीवन कृतार्थ हो जाता है: नंदलाल साहू


मेघू राणा कोदवा। कोदवा- बेरला मुख्य मार्ग में स्थित राधाकृष्ण मन्दिर में अखंड नवधा रामायण का भव्य आयोजन किया गया पिछले कई साल से किया रहा है। आयोजन से पूरे गांव में उल्लास का वातावरण देखा जा रहा है। 4 जनवरी से कथा की शुरूआत हुई है, जो रविवार 7 जनवरी तक जारी रहेगी। सुबह व शाम को होने वाली नवधा आरती में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रहती है। ठंड का मौसम होने के बाद विभिन्न ग्रामीण क्षेत्र से मानसगान करने वाले दलों का आगमन हो रहा है। समिति प्रमुख तोपसिंग वर्मा ने बताया संगीत साधकों को सुनने के लिए शाम से ही भीड़ लगी रहती है। भजन के माध्यम से रामचरित मानस के दोहे व चौपाई आधारित संदेशों को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। आयोजन समिति की ओर से बाहर से पहुंचने वाली मानस टोलियों के लिए भोग भंडारे की व्यवस्था की गई है। आयोजन में शामिल होने आस पास गांव के ग्रामीण शामिल हो रहे हैं। आयोजन को लेकर गांव में आध्यात्मिक माहौल बना हुआ है। 

समिति प्रमुख नंदलाल साहू ने कहा कि श्री अखंड नवधा रामायण के श्रवण से हमारा ये मानव जीवन कृतार्थ हो जाता है। प्रभु श्रीराम ने प्रेम, दया व समानता के भाव से मर्यादा में रहकर पुत्र, पति, भाई व राजा की जिम्मेदारियों का निर्वहन किया, इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। रामायण की सबसे बड़ी सीख है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है। बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में जीत सच्चाई की होती है।

समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए हमें रामायण के प्रत्येक पात्रों को जीवन चरित्र से सीख लेनी चाहिए, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री रामचन्द्र जी ने असत्य व अनीति का नाश कर सत्य व सदाचार युक्त राज्य की स्थापना की। प्रभु श्री रामचन्द्र के जीवन चरित्र से हमें मर्यादित व्यवहार करने की प्रेरणा मिलती है, तो लक्ष्मण से हमें भाई के साथ किस तरह व्यवहार करना चाहिए व बड़े भाई का आज्ञाकारी होने की सीख मिलती है। सीता माता के चरित्र से दुख की घड़ी में भी पति के साथ रहने की प्रेरणा मिलती है। भरत से हमें भक्ति करने की प्रेरणा मिलती है।

संरक्षक राजकुमार वर्मा, रमेश वर्मा, अध्यक्ष मुकेश पटेल उपाध्यक्ष रामबाबू शुक्ला दीपक निर्मलकर कोषाध्यक्ष गोकुल पारकर सचिव घनश्याम साहू नागेश्वर पारकर संचालक तोपसिंह वर्मा, नंदलाल साहू, विशेष सहयोगी भागवत साहू, सोनीराम जोशी, देवेंद्र साहू, शंकर साहू, हिरावन पारकर, समिति कार्यकर्ता रमाकांत जोशी, संजय सेन, लालू वैष्णव, दिलेश्वर पटेल, पंडित नारायण शुक्ला राजेश वर्मा, रितेश वर्मा, गैंदलाल वर्मा, राजेश धुर्वे, राजू निर्मलकर, जेठू यादव, सोभा निर्मलकर, संदीप वर्मा, दीपक साहू आदि लोगो का विशेष सहयोग रहा।

Ads Atas Artikel

Ads Atas Artikel 1

Ads Center 2

Ads Center 3