सच्चा परिवर्तन है मानव का उत्थान - म.सुजाता बाई संगीत में श्री राम कथा सत्संग समारोह का सम्पन्न

सच्चा परिवर्तन है मानव का उत्थान - म.सुजाता बाई संगीत में श्री राम कथा सत्संग समारोह का सम्पन्न

सच्चा परिवर्तन है मानव का उत्थान - म.सुजाता बाई संगीत में श्री राम कथा सत्संग समारोह का सम्पन्न

सच्चा परिवर्तन है मानव का उत्थान - म.सुजाता बाई

संगीत में श्री राम कथा सत्संग समारोह का सम्पन्न 


बेमेतरा: मानव उत्थान सेवा समिति जिला बेमेतरा द्वारा दो दिवसीय श्री राम कथा सत्संग समारोह का कार्यक्रम बेसिक स्कूल मैदान बेमेतरा में संपन्न हुआ प्रथम दिवस में श्री सतपाल जी महाराज जी के आत्मानुभवी महात्मा सुजाता बाई जी बद्री धाम ने कहा कि संसार में मानव एक शिशु के रूप में आता है समय-समय पर उसकी अवस्थाएं बदलती जाती है बाल्यावस्था, युवावस्था,प्रौढ़ अवस्था एवं वृद्धावस्था तथा इसके बाद वह इस संसार से एक दिन कूच कर जाता है यह सब स्वाभाविक प्रक्रिया होता है इस तरह का परिवर्तन समय देखने को मिलता है फिर मानव से कौन से परिवर्तन की अपेक्षा की जाती है मानव चोला क्यों मिला है परमपिता परमात्मा जीव पर कृपा करके उसे मानव का चोला प्रदान करते हैं ताकि वह अपने आप को परिवर्तित कर सके अपने को विकारों से मुक्त कर सके अपनी आत्मा पर चढ़े हुए माल विक्षेप के आवरण को साफ कर सके इस आवरण को साफ करते ही मनुष्य विकारों से मुक्त हो जाता है तथा वह अपने आत्म स्वरूप का दर्शन करता है तब उसके जीवन में सच्चा परिवर्तन होता है। समाज को बदलने के लिए ना हमें प्रकृति के नियमों को बदलना है ना पेड़ पौधों को बदलना है ना सूरज को बदलना है और नहीं चांद को अगर बदलना है तो मानव के मन को बदलना होगा और अध्यात्म के माध्यम से ही यह परिवर्तन होगा इससे हमारा राष्ट्र मजबूत होगा जब राष्ट्र का निर्माण होगा तो सोता ही इस वसुधा पर अमन चैन का बोलबाला होगा और तब भारत अपने अध्यात्म ज्ञान के बल पर ही विश्व गुरु के पद को एक दिन अवश्य प्राप्त करेगा।

द्वितीय दिवस सद्गुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज जी के आत्मानुभवि महात्मा सुजाता बाई जी बद्रीनाथ धाम ने अपने सत्संग विचार रखते हुए कहा शरीर की खुराक भोजन है और आत्मा की खुराक भजन है।मन को भगवान में जोड़ना भजन है। हम संसार में आकर पेट के धंधे में ही लगे हैं भगवान को भूल गए। संत कबीर दास जी कहते है भगवान अंदर है और हम बाहर खोज रहे हैं अंदर बैठे भगवान का प्रत्यक्ष अनुभव समय के सद्गुरु कराते हैं। हृदय स्थित भगवान का ज्ञान स्वामी विवेकानंद जी को स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कराया, मीराबाई को संत रविदास जी ने कराया, कबीर दास जी को स्वामी रामानंद जी ने कराया, शिवाजी महाराज को समर्थ रामदास ने कराया। जिन जिन लोगों ने समय के सद्गुरु जी के शरण में जाकर पूछा उनको भगवान का साक्षात्कार किए। भगवान का साक्षात्कार करने के बाद व्यक्ति सारे दुखों से मुक्त हो जाता है। इस अवसर पर नारायण निषाद जी कटई, जिला मानस संघ के पूर्व अध्यक्ष अनिल रजक बेमेतरा एवं जय अंबे मानस मंडली बुचीपुर संगीत टीम का विशेष सहभागिता रहा।

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