जनवादी लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बालोद दौरे पर, बाघमार में किया जनवादी लेखन पर रचना गोष्टी

जनवादी लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बालोद दौरे पर, बाघमार में किया जनवादी लेखन पर रचना गोष्टी

जनवादी लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बालोद दौरे पर, बाघमार में किया जनवादी लेखन पर रचना गोष्टी

जनवादी लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बालोद दौरे पर, बाघमार में किया जनवादी लेखन पर रचना गोष्टी


जनवादी लेखक संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष साहित्यकार डॉ परदेसी राम वर्मा जनवादी लेखन पर केन्द्रित कार्यशाला को लेकर आजकल चर्चा के केन्द्रबिन्दु हैं। लेखकों के बीच रचना गोष्ठी का आयोजन कर उनकी कविता कहानी लेख में जन संदेश पर चर्चा गोष्ठी आयोजन का मुख्य उद्देश्य होता है, इस कड़ी में डॉ.परदेशी राम वर्मा कंगला मांझी धाम पधारे, जहॉं उनकी उपस्थिति में मांझी धाम बाघमार में जनवादी रचनाओं पर चर्चा हुई कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती फुलवा देवी कांगे ने की उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन से नए लेखकों को दृष्टि मिलती है । वरिष्ठ रचनाकारों के अनुभव से नए लेखकों को राह मिलती है इस रचना कार्यशाला में राजकुमारी कांगे की गद्य रचना कंगला मांझी आदिवासी समाज के अग्रदूत का वाचन हुआ। राजकुमारी कांगे की इस गद्य रचना के संबंध में परदेसी राम वर्मा ने कुछ सुझाव देकर कहा कि किसी भी प्रमुख व्यक्तित्व की जीवनी एवं उनके योगदान पर लिखते समय तथ्यों एवं प्रमाण की सत्यता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। राजकुमारी कांगे की गद्य रचना में यह सतर्कता है रचना श्रेष्ठ है। 

         
बालोद के लोकप्रिय कवि अशोक आकाश ने दो कविताओं का पाठ किया आधुनिक द्रौपदी शीर्षक कविता के संबंध में परदेसी राम वर्मा ने कहा कि इस रचना में एक फोटोग्राफर की तरह स्थिति का यथावत चित्रण है जैसी स्थिति द्वापर युग में थी वही स्थिति आज भी है यह स्थिति बदल चाहिए कवि की कविता में यह कौशल दिखनी चाहिए कि अब द्रोपदी के चीर हरण पर स्त्रियों विरोध करेंगे भले ही अपने हितों को सजाते हुए जीने वाले राज परिवार के लोग चुप रहे स्त्रियां जरूर विरोध करके उठ खड़ी होगी हर युग में द्रोपदी का चीर हरण उसी तरह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जब समाज में विरोध नारियों की ओर से होगा तब समाज में परिवर्तन जरूर होंगे। अशोक आकाश की दूसरी कविता नेत्रदान की प्रेरणा देती कविता है यह नेत्रदान की महत्ता पर प्रेरणादायी गीत है जिससे निश्चित ही जनमानस को श्रेष्ठ संदेश मिला है। 

जनवादी लेखक मंच छत्तीसगढ़ की वार्षिक पत्रिका से सामाजिक सारोकारयुत्त साहित्य जन चेतना के केन्द्र बिंदु बनेंगे। इन रचनाओं पर अंतिम निर्णय रचना चयन समिति के सदस्य गण 28 जनवरी को राजिम कार्यशाला में लेंगे। दिनेश चौहान इस शिविर के संयोजक हैं, कुंभ देव कांगे, स्मिता वर्मा, मधु वर्मा, रमेश, कुमार, दक्ष, नीतीश, अंतरा, प्रतिभा, उषा, उमाकांत, अर्जुन एवं कारण वर्मा सहित गांव के ग्रामीण श्रोता उपस्थित रहे इस अवसर पर गांव के बुजुर्गगणों को राजमाता फुलवा देवी एवं परदेसी राम वर्मा द्वारा कंबल भेंट कर सम्मानित किया गया। नीतीश वर्मा परिवार ने जन्म दिवस पर यह उपहार वृद्ध जनों को दिया । कार्यक्रम के समापन पर कुंभ देव कांगे ने आभार व्यक्त किया उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम लगातार होते रहेंगे ।

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