तिल्दा नेवरा। सरस्वती शिशु मंदिर तिल्दा में शिशु नगरी कार्यक्रम का आयोजन
सरस्वती शिशु मंदिर तिल्दा में शिशु नगरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीमती अभिलाषा अग्रवाल , विशिष्ट अतिथि श्रीमती भारती साहू सदस्य पालक समिति, श्रीमती स्वाती सिरमौर, विद्यालय प्रबंध समिति से- पवन अग्रवाल अध्यक्ष, दिलीप वर्मा सचिव, दिलीप शर्मा पूर्व व्यवस्थापक, स्वप्निल श्रीवास्तव सह सचिव एवं विद्यालय के प्राचार्य श्रवण कुमार साहू आदि उपस्थित थे।
मंचस्थ जनों के द्वारा मां सरस्वती , ओम एवं मां भारती के छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत तिलक, पुष्पगुच्छ व श्रीफल भेंट कर किया गया। स्वागत के उपरांत भैया -बहनों के द्वारा भाव नृत्य, झांकी की मनमोहक प्रस्तुति दी गई, तत्पश्चात् शिशु कक्षा नर्सरी, अरूण से द्वितीय कक्षा तक बच्चों के खेल चकमा दौड़, संतुलन दौड़ ,रस्सी दौड़ आदि खेलों में भैया -बहनों ने बढ़ चढ़कर भाग लिये।मनोरंजन हेतु विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन किया गया जो बच्चों के लिए स्वदेशी खेल के प्रति रुचि एवं शारीरिक विकास के लिए अतिआवश्यक है।कार्यक्रम में उपस्थित माताओं के लिए स्वदेशी खेल रिलेरेस ,मेहंदी ,रंगोली, डंडा दौड़, शब्द कार्ड मिट्टी के खिलौनें बनाना इत्यादि विधाओं का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम , द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली माताओ को विद्यालय समिति के द्वारा पारितोषिक प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चे उनके माता- पिता /अभिभावक गण एवं नगर के गणमान्य नागरिक भारी संख्या में उपस्थित थे। श्री पवन अग्रवाल जी ने अपने उद्बबोधन में कहा कि 22 जनवरी 24 को अयोध्या में भगवान् श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है अपने तिल्दा -नेवरा नगर में भी धूम- धाम के साथ मनाया जा रहा है सभी माताएं अपने -अपने घरों में रंगोली बनाएं, अधिक संख्या में दीपक जलाएं, घर मेंभगवा ध्वज लगाए,अपने आस-पास के मठ - मंदिरों की साफ-सफाई करें, वहाँ पर 22 जनवरी को पूजा अर्चना,भजन कीर्तन करें। 500 वर्षों के संघर्षों के पश्चात् यह सुअवसर हम सबके जीवन में आया है। विद्यालय के प्राचार्य श्री श्रवण कुमार जी के द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों, अभिभावक /माता- पिता जनों का आभार व्यक्त किया गया साथ ही विद्यालय के आचार्यगण एवं कार्यक्रम में सहयोग प्रदान करने वाले भैया बहनों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस दौरान उद्बोधन में कहा कि- बच्चों के प्रथम गुरु उनकी माता ही होती है और हम माताओ से अपेक्षा भी रखते हैं कि वह हमेशा अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे,घर में बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें,बच्चों से स्नेह /प्रेम पूर्वक व्यवहार बनाएं रखें ताकि बच्चों में अच्छे संस्कार पड़े ।
शिशु नगरी कार्यक्रम के माध्यम से शिशुओं में छिपी हुई प्रतिभा को प्रकट करना है,उन्हें राम, कृष्ण,ध्रुव, प्रहलाद, सीता, सावित्री ,दुर्गा जैसे निर्माण करने में माता के द्वारा दी गई संस्कार की अहम् भूमिका होती है। मातृशक्ति ही राष्ट्रशक्ती को विकसित करती है। इस कार्यक्रम में मनमोहन भाव नृत्य, झांकियां,शिशु वाटिका के बच्चों के द्वारा प्रस्तुत की गई। जो दर्शकों के मन को मोह लिया। शिशु वाटिका शिक्षा की 12 शैक्षिक व्यवस्थाओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। जिसका माताओं व अतिथियों ने बहुत ही प्रसंशा किए।यह कार्यक्रम शिशु वाटिका प्रमुख श्रीमती हेमा देवांगन एवं उनके सहयोगी दीदियों के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। अन्त में कल्याण मंत्र एवं प्रसाद वितरण कर शिशु नगरी कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम की जानकारी विद्यालय के प्रचार -प्रसार प्रमुख दीदी श्रीमती संतोषी पटेल के द्वारा दी गई।