दल्ली राजहरा: हसदेव बचाओ आंदोलन के तहत संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच राजहरा के द्वारा महामहिम के नाम सौंपा गया ज्ञापन
दल्ली राजहरा के संयुक्त ट्रेड यूनियन छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ, हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन( सीटू ) एवं संयुक्त खदान मजदूर संघ की ओर से छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड पीआर सी यू एन एल को 1136.328 हेक्टर वन भूमि को सौंप कर वहां से कोयला निकालने की सरकार के द्वारा दी अनुमति दी गई है कंपनी के द्वारा हसदेव क्षेत्र के जंगल में लगे सैकड़ो वर्ष पुराने पेड़ों को काटा जा रहा है जिनकी संख्या लाखों में है जिसे संयुक्त यूनियन की ओर से विरोध किया जा रहा है । संयुक्त यूनियन की ओर से अनुविभागीय अधिकारी, राजहरा के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को इसे रोकने के लिए ज्ञापन सौंपा गया है l छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा की सरकार काबिज होते ही अपने चहेते कार्पोरेट घरानों अडानी, अम्बानी जैसे पूँजीपतियों कम्पनी व ठेकेदारों (जिन लोगों के द्वारा चुनाव के लिए करोड़ों रुपये नेताओं को दक्षिणा के रुप में मिला करती है) इन लोगों के लिए देश की मूल धरोहर खनिज सम्पदा, वन सम्पदा, एवं जल संसाधन की लूट के साथ ही साथ और इनके विरोध करने पर क्षेत्र की जनता एवं आदिवासियों पर दमनकारी कार्यवाही लगातार जारी हैl पुलिस हसदेव जंगल बचाओं आंदोलनकारियों को घर से उठाकर ले गयी, और भारी संख्या में पुलिस फोर्स के संरक्षण में जंगलों की अधाधुंध कटाई हो रही है l ताकि कार्पोरेट घरानों अडानी, अम्बानी जैसे पूँजीपतियों कम्पनी व ठेकेदारों को किसी प्रकार की दिक्कत पैदा न हो सके। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के हसदेव जंगल जो 1,70,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है को निज सम्पदा उत्खनन की आड़ में करोडों-करोड़ों रुपये की वन सम्पदा का विनाश किया जा रहा है l जिसके फलस्वरुप जंगलों में रहने वाले वन्य प्राणियों पर बहुत खराब असर हो रहा है l एवं वन्य प्राणी जंगलों की उजड़ने की दशा में हाथी, जंगली सूवर व नील गाय जंगल छोड़कर ग्रामीण इलाके तथा बड़े शहरों की ओर कूच कर रहे है l जिससे कई जगहों पर किसानों की हजारों एकड़ जमीन की फसलों को चौपट कर रही है l कभी-कभी मानव समाज पर भी वन्य प्राणियों द्वारा प्राण घातक हमला कर घायल / मृत्यु तक की परिस्थिति पैदा होती रहती हैl हसदेव जंगल की कटाई से आसपास के क्षेत्रों में हाथी जंगली सूवर व नील गाय जैसे वन्य प्राणियों के जंगल से बाहर आ जानें के कारण इस क्षेत्रों में रबी फसलों की रकबा में 40 प्रतिशत तक की कमी आ रही हैl इत्त क्षेत्र में गेहूँ, चना, सरसों की बोवाई ही बंद कर दी है l जिससे इस क्षेत्र के किसानों को करोड़ों-करोड़ों रुपये की नुकसान का अनुमान लगाया जा सकता है, जिससे निकट भविष्य में वन्य प्राणियों एवं किसानों की विस्थापन की समस्या भी उत्पन्न होती वाली है l वन्य प्राणियों की उत्पात को रोकनें सरकार या वन विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस उपाय भी नही की जा रही है l जिससे क्षेत्र की किसान एवं आम नागरिक भी काफी परेशान हो रहे है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 6 जुलाई 2022 को अशासकीय संकल्प सर्वानुमति से संकल्प पारित किया गया था कि हसदेव अरण्य को खनन मुक्त रखा जाए l पूरा क्षेत्र पांचवी अनुसूची में आता है और किसी भी ग्रामसभा से अनुमति नही ली गयी है। जिस जंगल का विनाश किया जा रहा है उसके आसपास प्रभावित गाम घाटबर्रा को मिले सामुदायिक वन अधिकार पत्र को गैर कानूनी रुप से तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा निरस्त किया गया है l जिसका प्रकरण बिलासपुर न्यायालय में लंबित है l यदि हसदेव जंगल की कटाई नहीं रोकी गई तो पूरे प्रदेश भर में व्यापक आंदोलन शुरू हो सकता है l हसदेव जंगल बचाओ आंदोलन कार्यों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज जैसे घिनौने कार्य मौजूद सरकार की अगुवाई में कराई गई है l पुलिस एवं सरकार की साठ -गांठ से इस प्रकार के कार्यवाही का छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष व पूर्व विधायक डौंडी लोहारा विधानसभा क्षेत्र के श्री जनक लाल ठाकुर व पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ, शहीद अस्पताल, संयुक्त खदान मजदूर संघ एटक, हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन सीटू के पदाधिकारी के द्वारा सरकार की दमनकारी कार्यवाही के लिए कड़ी निंदा करते हुए जनता के हित में उपरोक्त संस्थाओं द्वारा मांग की गई है कि हसदेव के जंगल में पेड़ों की हो रही अंधाधुंध जंगल की कटाई को तत्काल रोक लगाई जाए l अवैधानिक तरीके से निरस्त किए गए गांव घाटबर्रा के सामुदायिक बन अधिकार पत्र को वापस किया जाए l हसदेव बचाओ आंदोलनकार्यों मूल निवासियों एवं आदिवासियों के ऊपर हो रहे अमानवीय दमनकारी कार्यवाही पर रोक लगाई जाए l हसदेव क्षेत्र की जनता एवं वन्य प्राणियों के स्थापना व पर्यावरण नियमों का पालन करते हुए जंगल की कटाई पर रोक लगाई जाये।
आमसभा में संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ के अध्यक्ष श्री जनक लाल ठाकुर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार चंद पैसों की लालच में विनाश का जो सौदा कर रही है उससे बचे तथा देश की विकास के बारे में सोचें l सीटू सचिव प्रकाश सिह छत्री ने कहा कि जल जंगल और जमीन पर मुल निवासीयो का हक है l प्रकृति एवं पर्यावरण के विनाश से किसी का भला नहीं हो सकता l हमें देश का विकास पसंद है लेकिन विकास के नाम पर पेड़ों का विनाश कतई पसंद नहीं l हम इसका विरोध करते है l सीएमएसएस अध्यक्ष कामरेड सोमनाथ उइके ने कहा कि सरकार के जनविरोधी नीति के कारण ही जंगली जानवर जंगल में रहने वाले पशु गांव और शहरों की ओर आ रहे हैं l कभी सोचे नहीं थे कि हाथी दल्ली राजहरा तक पहुंच पाएगा l संयुक्त यूनियन की ओर से ज्ञापन की प्रति माननीय राज्यपाल महोदय छत्तीसगढ़ शासन एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय छत्तीसगढ़ शासन को भेजी गई है l विरोध कार्यक्रम में पुराना बाजार से वाहन रैली निकाल कर जैन भवन चौक में नारेबाजी व सभा की गई। सभा में सैकड़ों कार्यकर्ता के साथ ही भारी संख्या में आमजन व पर्यावरण प्रेमियों ने भागीदारी किया।